
representative picture (patrika)
नए साल में अलवर को नए स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की सौगात मिलेगी। यातायात के नियम तोड़ने वालों के घर ई-चालान पहुंचेंगे। इसके अलावा सेंसर के जरिए गाड़ियों की स्पीड माप कर कार्रवाई हो सकेगी। इसका प्रस्ताव जिला कमेटी के जरिए स्मार्ट सिटी परियोजना जयपुर को भेजा गया है। करीब 6 करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे।
स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में मुख्य रूप से एआइ, कैमरे, सेंसर और संचार तकनीक शामिल होती हैं, जो वास्तविक समय में ट्रैफिक का विश्लेषण करने के लिए डेटा का उपयोग करते हैं। इन प्रणालियों में ट्रैफिक की निगरानी करने के लिए हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे और सेंसर होते हैं, जो वाहनों की भीड़ को देखकर ट्रैफिक लाइट्स के समय को स्वचालित रूप से समायोजित करते हैं। इसमें ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन जैसे घटक भी होते हैं जो नियमों के उल्लंघन को पकड़ते हैं और ई-चालान भेजते हैं।
इस सिस्टम के लिए केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनेगा। सभी सेंसर एआइ के माध्यम से संचालित होंगे, जो डेटा विश्लेषण करके कंट्रोल रूम को सूचित करते रहेंगे। कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी अपने अनुरूप उन लाइटों को यहीं से नियंत्रित कर सकेंगे, ताकि यातायात सुगम हो सके। आपात स्थितियों में एम्बुलेंस या पुलिस जैसी सेवाओं को तुरंत भेजा जा सकेगा।
इस सिस्टम के जरिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) तकनीक काम करेगी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान करते हुए उनके मालिक के घर पर ई-चालान जनरेट करके भेजेगी। वाहनों की स्पीड भी इसके जरिए मापी जा सकेगी और चालान किया जा सकेगा।
Published on:
26 Nov 2025 11:29 am
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