
दिल्ली- अलवर रेपिड रेल प्रोजेक्ट में कौन कर रहा देरी
दिल्ली-अलवर रेपिड रेल प्रोजेक्ट को अब केन्द्र सरकार हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी बाधा दिल्ली सरकार की ओर से अपने हिस्से का बजट जारी करने के साथ ही दूर हो चुकी है। हरियाणा सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही बजट की घोषणा कर चुकी है। अलवर जिले में इस प्रोजेक्ट का ज्यादा क्षेत्र शामिल नहीं होने से राजस्थान सरकार की ओर से समस्या नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का कार्य जारी है। इस प्रोजेक्ट में 22 स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है।
कई सालों से अटका था रेपिड रेल प्रोजेक्ट
दिल्ली- अलवर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कई सालों से अटका था। इसमें सबसे बड़ी बाधा दिल्ली सरकार की ओर से अपने हिस्से का बजट जारी नहीं करना रहा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए बजट जारी कर दिया।
अब केन्द सरकार की मंजूरी जरूरी
दिल्ली- अलवर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम निर्माण के लिए दिल्ली व हरियाणा सरकार की ओर से बजट जारी करने के बाद अब केन्द्र सरकार की मंजूरी जरूरी है। केन्द्र की मंजूरी के बाद ही इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हो सकेगा। हालांकि अब केन्द व राजस्थान में एक ही दल भाजपा की सरकार है और बजट सम्बन्धी बाधाएं भी हट चुकी हैं। यदि अब दोनों सरकारों की ओर से तीव्र गति से प्रयास हों और स्थानीय जनप्रतिनिधि केन्द्र व राज्य सरकार स्तर पर प्रयास करें तो निर्धारित समय में यह प्रोजेक्ट धरातल पर आ सकता है।
तीन चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट में दिल्ली-गुड़गांव, गुड़गांव- एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) और एसएनबी-अलवर तीन चरण हैं। मुख्य लाइन पर निज़ामुद्दीन/सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, गुरुग्राम सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा डिपो, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरथल और अलवर। छोटी लाइन में शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड़ और सोतानाला स्टेशन होंगे।
Published on:
25 Dec 2023 11:31 pm
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