यह पुलिस की मनमर्जी हैं-हम ई-रिक्शा पर बैठकर बाजार में खरीददारी करने जाते थे । अब तक मन्नी का बड़ से बेरिकेटस नहीं हटाए हैं जिसके कारण हमारी परेशानी बढ़ गई हैं। ई रिक्शा जैसे साधन हमारे लिए उपयोगी है।-आर.पी. वर्मा, वरिष्ठ नागरिक।
पुलिस का रवैया सही नहीं- जीरो टोलरेंस रोड पर कोई बिना हैलमेट के वाहन के पीछे तक नहीं बैठ सकता है। पूरे शहर का वैसे क्या हाल है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। पूरा अलवर शहर पुलिस की मनमर्जी से परेशान है।
-फूलचंद खंडेलवाल, वरिष्ठ नागरिक, अलवर। यह कैसा अलवर- देश के सभी महानगरों में सभी जगह रिक्शे तो जाते ही हैं लेकिन अलवर में कई बाजारों में बंद कर रखे हैं। आपके पास पार्किंग नहीं है। आप शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने की बजाए बिगाड़ रहे हैं।
-अरविंद बारेठ, सेवनिवृत्त आयुर्वेद अधिकारी। बुजुर्गों के खिलाफ है यह आदेश- पुलिस ने कहीं बेरिकेटिंग कर रखी है तो किसी सडक़ को जीरो टोलरेंस रोड बना दिया है। आप पूरे शहर को सुधारिए। मन्नी का बड़ से बेरिकेटस तत्काल हटाने चाहिए।
-बद्री प्रसाद शर्मा, अलवर। पूरा शहर यातायात अव्यस्था से परेशान-पूरे शहर में कहीं भी यातायात व्यवस्था सही नहीं है लेकिन पुलिस को चिंता तो बस एक ही सडक़ की है। पहले तो सारे बाजार में ई रिक्शा के आने पर ही पाबंदी लगा दी थी
-रामचन्द्र गोखलानी, वरिष्ठ नागरिक, अलवर।ने