दीपावली पूजन के बाद अन्नकूट व गोवर्धन पूजा की जाती है लेकिन इस बार दीपावली के बाद अमावस्या होने से शहर में अलग- अलग तिथियों पर अन्नकूट व गोवर्धन मनाया गया। अन्नकूट के मौके पर मंदिरों मूंग, बाजरा, चावल, कढ़ी सहित अन्य व्यंजन बनाकर मंदिरों में विराजमान भगवान की प्रतिमाओं को भोग लगाया गया। इसके चलते मंदिरों में सुबह से ही अन्नकूट बनाने व खाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
अलवर शहर के पुराना कटला जगन्नाथ मंदिर, जयपुर रोड भूरासिद्ध आश्रम, हरिबाबा सत्संग भवन, मुरली मनोहर मंदिर, अग्रवाल धर्मशाला लक्ष्मीनारायण मंदिर, कंपनी बाग के समीप मीणा समाज के मंदिर, तबेले वाले हनुमानजी, शांतिकुंज शिव मंदिर ,राजर्षि अभय समाज के मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मंगलवार को अन्नकूट मनाया गया। कहीं पर बैठकर खाने की सुविधा थी तो कहीं पर घर ले जाने की सुविधा थी। जगन्नाथ मंदिर में सुबह 9 बजे कीर्तन किया गया और फिर अन्नकूट में 56 भोग की झांकी सजाई गई। इस अवसर पर गोवर्धन की झांकी भी सजाई गई।इससे एक दिन पहले ब्राह्मण समाज की ओर से ब्राह्मण छात्रावास, एनईबी कृषि उपज मडी शिव मंदिर व तारघर वाले हनुमानजी सहित अन्य मंदिरों में सोमवार को अन्नकूट मनाया गया।
आज मनाई जाएगी भैया दोज
दीपावली पर्व धनतेरस के साथ प्रारंभ हुआ। इसका समापन बुधवार को भैयादोज के साथ होगा। अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन बुधवार को भैया दोज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों के तिलक लगाएंगी और भाई अपनी बहनों को उपहार व नेग भी देंगे। इसी के साथ ही दीपोत्सव पर्व का समापन हो जाएगा।