
महाशिवरात्री विशेष : महाभारत काल में अर्जुन ने यहां स्थापित किया था 7 फीट ऊंचा शिवलिंग, आराध्य महादेव की करते थे पूजा
महाशिवरात्री पर शिवालयों में श्रद्धा से पूजा होती है। राजस्थान में शिव मंदिरों का विशेष महत्व है। एक ऐतिहासिक शिव मंदिर अलवर जिले में स्थित है। जिसकी स्थापना महाभारत काल मे अर्जुन ने की थी। पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय विराट नगर और सरिस्का में गुजारा था। उसी समय अलवर शहर से 41 किलोमीटर दूर ताल वृक्ष में पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्र छिपाए थे। यहीं अर्जुन ने अपने आराध्य शिव भगवान की पूजा की थी, उस समय अर्जुन ने 7 फीट ऊंचे शिवलिंग की स्थापना थी। यह शिवलिंग आज भी जन-जन की आस्था का केन्द्र है। महाशिवरात्री पर इस मंदिर पर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
गर्म व ठण्डे पानी के कुण्ड
तालवृक्ष के मुख्य आकर्षण गर्म व ठण्डे पानी के कुण्ड हैं। पहले ये कुण्ड कच्चे थे। नारायणपुर के तत्कालीन महाराजा रामसिंह ने इनका जीर्णोद्धार करवाया था। यहां गर्म पानी के कुण्ड में स्नान करने से चर्म रोग दूर होते हैं। तालवृक्ष में राजपूत कालीन छतरियां भी हैं। जिन पर मुगल शैली के चित्र बने हुए हैं जो आज भी देखे जा सकते हैं।
सात फीट ऊंचा है शिवलिंग
यहां पर अर्जुन के अराध्य देव की सात फ ीट ऊंची शिवलिंग है। जिसे भूतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। यह पिण्डी जिस मंदिर में स्थापित है उसके गुम्बद में अनेक देवताओ की मूर्तिया तराशी हुई हैं।
Published on:
04 Mar 2019 06:19 pm
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