इस तरह कटा था राशन कार्ड से नाम
खोहरी गांव निवासी संतोष देवी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के तहत उन्हें राशन तीन फरवरी को मिला था। उसके बाद तय तिथि के अनुसार राशन लेने चार मार्च को दुकान पर गईं तो बेटे संजय उर्फ मुन्ना का नाम राशन कार्ड से गायब था। उस दौरान तो गंभीरता से नहीं लिया लेकिन ठीक तीन दिन बाद सात मार्च को गांव के मंदिर परिसर में गोलियों से संजय उर्फ मुन्ना को मार दिया। उसके बाद अब मां को समझ में आया कि बेटे की हत्या से तीन दिन पहले राशन कार्ड से नाम क्यों हटाया गया। मां ने सवाल खड़ा किया था कि बिना विभाग की मिलीभगत के उसके बेटे का नाम राशनकार्ड से नहीं हटाया जा सकता।