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बाल विवाह करने से नहीं डर रहे हैं लोग, पिछले साल आई दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें

आखातीज पर बाल विवाह रोकने के लिए विभाग चला रहा जागरुकता कार्यक्रम अलवर. बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने कानून तो बना दिया लेकिन संबंधित विभाग इस कानून की पालना कराने को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके चलते लोगों में बाल विवाह कराने को लेकर डर भी नहीं है।

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अलवर

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Jyoti Sharma

Mar 18, 2023

बाल विवाह करने से नहीं डर रहे हैं लोग, पिछले साल आई दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें

बाल विवाह करने से नहीं डर रहे हैं लोग, पिछले साल आई दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें

इतना ही नहीं संबंधित विभाग मॉनिटरिंग भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते लोगों में अब कानून का डर नहीं रहा है। अबूझ मुहूर्त में अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी छूपे बाल विवाह हो रहे हैं। लेकिन यह जानकारी पुलिस व प्रशासन को नहीं मिल पा रही है।

एक साल में मिली तीन दर्जन शिकायतें

अलवर जिले में बाल विवाह की पिछले साल करीब दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें मिली हैं । जिनमें स्थानीय लोगों या रिश्तेदारों की जागरुकता के चलते बाल विवाह की शिकायतें विभाग को मिली तो मौके पर पहुंच कर बाल विवाह को रोका गया। इसमें उपखंड स्तर पर 4, पुलिस के 4, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को 8, चाइल्ड लाइन को 18 शिकायतें मिली। इनमें से ज्यादातर शिकायतों का प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर समझाईश से समाधान करवाया ।
सवाल यह है कि जब कानून बाल विवाह कराने पर कानूनी दंड दे रहा है तो लोग बाल विवाह करने से क्यों नहीं डर रहे हैं, यदि समय पर जानकारी नहीं मिलती तो ये बाल विवाह हो जाते और सैंकडों बच्चों का बचपन बर्बाद हो जाता।

22 अप्रेल को है आखातीज, बाल विवाह रोकने के लिए बनाई योजना

इस साल 22 अ्प्रेल को आखातीज है। आखातीज पर बाल विवाह होने की संभावनाओं के चलते बाल अधिकारिता विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। राष्ट्रीय बाल आयोग के निर्देशानुसार विभाग की ओर से टैंट, पंडित, प्रिंटिंग कार्ड वाले, बैंडवाले, हलवाई सभी की बैठक लेकर बाल विवाह में काम करने पर रोक लगाई गई है।
टोल फ्री नंबर 1098 पर की जा सकती है शिकायत

बाल विवाह करवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को बाल विवाह की सूचना मिलती हैं तो चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर शिकायत की जा सकती है। आखातीज पर बाल विवाह रोकने के लिए सभी ब्लॉक में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एसडीएम , तहसीलदार, आईसीडीएस की महिला सुपरवाइजर व सीडीपीओ को भी पाबंद किया गया है।शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
रमेश दहमीवाल, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग, अलवर।