
अब तक नहीं बन पाया बॉटनिकल गार्डन, विद्यार्थी कई साल से कर रहे इंतजार
- विद्यार्थियों को पढ़ाई में इस गार्डन से मिलती मदद, शोध के लिए भी आसानी होती
अलवर. राजर्षि महाविद्यालय में साइंस की अच्छी पढ़ाई होती है। इसमें पढ़ाई के लिए आसपास के जिलों के विद्यार्थी दाखिला लेते हैं, लेकिन विद्यार्थियों की कई सालों से एक मांग अब भी जारी है। वह चाहते हैं कि बॉटनिकल गार्डनB बने। महाविद्यालय प्रशासन की ओर से बॉटनिकल गार्डनB बनाने की कई बार तैयारी की गई, लेकिन अब तक भी नहीं बन पाया है। वहीं, जीडी कॉलेज में बॉटनिकल गार्डन बन चुका है और इसमें बालिकाएं नए- नए पौधों के वनस्पतिक नाम जान रही हैं लेकिन राजर्षि महाविद्यालय में छात्रों की मांग पूरी नहीं हो पाई। वर्तमान में महाविद्यालय में तीन सालों के विद्यार्थियों की संख्या 3 हजार 600 से अधिक है।
क्या होता है बॉटनिकल गार्डन
बॉटनिकल गार्डन की स्थापना जड़ी-बूटियों, प्रयोगशालाओं और संग्रहालयों के माध्यम से शिक्षा और अनुसंधान के उद्देश्य से की जाती है। यह महाविद्यालय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के ज्ञान को बढ़ाने का काम करता है। साइंस में स्नातक करने वाले विद्यार्थियों को अलग से एक वनस्पति विज्ञान किताब का अध्ययन करना होता है। बॉटनिकल गार्डन में तरह -तरह के पौधे वनस्पतिक नाम से समाहित रहते हैं। साइंस की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान तरह-तरह के पेड-पौधों की आवश्यकता होती है। इस दौरान अगर महाविद्यालय परिसर में बॉटनिकल गार्डन होगा तो विद्यार्थियों को और बेहतर सीखने का मौका मिलेगा।
वर्जन-
महाविद्यालय परिसर में बॉटनिकल गार्डन के लिए जगह चिन्हित की गई है। इसकी साफ-सफाई करवा दी जाएगी। महाविद्यालय प्रशासन की ओर से जल्द ही बॉटनिकल गार्डन तैयार किया जाएगा। इसमें प्रायोगिक परीक्षा के दौरान काम आने वाले पौधों को लगाया जाएगा।
प्रोफेसर गोपीचंद पालीवाल, प्राचार्य, राजर्षि महाविद्यालय
Published on:
11 Oct 2023 11:21 am
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