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राजस्थान में बढ़ते अपराधों ने बढ़ाई युवाओं की मुश्किल, नहीं हो पा रहा है यह काम, जानिए पूरी खबर

बढ़ते अपराधों ने बढ़ाई युवाओं की मुश्किल, अपराधिक रिकार्ड के कारण नहीं बन रहे चरित्र प्रमाण पत्र

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अलवर

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Prem Pathak

Feb 23, 2018

character certificate of youth is not making due to police case

पुलिस थाने में बढ़ते आपराधिक प्रकरण क्षेत्र के युवाओं की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। सरकारी और निजी क्षेत्र में पुलिस का चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र मांगने से युवाओं को नौकरियों से वंचित रहना पड़ रहा है।
अलवर के खेरली थाने के पुलिस रिकॉर्ड पर गौर करें तो वर्ष 2017 में करीब 440 युवाओं ने पुलिस से चरित्र सत्यापन कराया, जिनमें से करीब 20 युवाओं के खिलाफ अनेक प्रकरणों में मामले दर्ज मिले, जिन्हें बाद में सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरियां नहीं मिली हैं। इस चौंका देने वाले आंकड़े को पुलिस के अधिकारी भी क्षेत्र के युवाओं के लिए अच्छी बात नहीं मान रहे हैं।

चिंता का विषय

हाल ही में पदस्थापित खेरली थानाधिकारी उमेश बेनीवाल ने बताया कि युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज होना अच्छा संकेत नहीं है। युवाओं के लिए पहली प्राथमिकता उनका भविष्य होना चाहिए।
पुलिस में दर्ज प्रकरण के बाद सरकारी व निजी क्षेत्रों में पुलिस सत्यापन नहीं होने की वजह से नौकरियां नहीं मिल पाती हैं। युवाओं को आपराधिक मामलों से दूर रहकर अपना भविष्य संवारना चाहिए।

जोश में गंवा बैठे होश

आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण जिन युवाओं का पुलिस चरित्र सत्यापन नहीं हो पाया, उनमें से ज्यादातर मामले मारपीट इत्यादि के मिले। ज्यादातर युवा अपने भविष्य को दरकिनार कर जोश में होश गंवाकर अपराध कर बैठते हैं। वहीं कुछ युवा नासमझी में इसका शिकार हो जाते है, जिनमें जुआ खेलने, वन संपदा को नुकसान पहुंचाने, अवैध खनन सहित अनेक मामले नासमझी की वजह से हुए है।

निजी क्षेत्र में पुलिस चरित्र सत्यापन जरुरी

वर्तमान में निजी क्षेत्र की नौकरियों में इच्छुक अभ्यर्थी से पुलिस से सत्यापित चरित्र प्रमाण पत्र मांगा जाता है, लेकिन आपराधिक रिकॉर्ड होने की वजह से उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगती है। इसके अलावा कई शिक्षण संस्थानों में भी पुलिस चरित्र सत्यापन की मांग होने लगी है।

केस-1
थाना क्षेत्र के ग्राम डौरोली निवासी राधेलाल राजपूत को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पुलिस से चरित्र सत्यापन की जरूरत पड़ी, लेकिन थाने में मारपीट का मामला दर्ज होने की वजह से उसका चरित्र सत्यापन नहीं हो पाया।
केस-2
समीपवर्ती ग्राम सौंकर निवासी गुरुचरण सैनी का चयन पटवारी में हुआ, लेकिन थाने में मामला दर्ज था। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से फैसले की रिपोर्ट लगाने के उपरान्त ही उसका पुलिस से चरित्र सत्यापन हो पाया।
केस-3
मानकपुर निवासी सद्दाम खान को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पुलिस से चरित्र सत्यापन होना था, लेकिन थाने में मामला दर्ज होने की वजह से उसका लाइसेंस नही बन पाया।