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अलवर

हमारी चित्रा ने ईरान में बजाया अलवर का डंका, वुशू में देश के लिए जीता कांस्य पदक

अलवर की चित्रा सिंह ने ईरान में अंतर्राष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर अलवर का नाम रोशन किया है।

अलवरMar 06, 2018 / 11:00 am

Prem Pathak

Chitra singh of alwar won gold medal in Iran in Vushu
अलवर. जिले की बेटी ने ईरान में हुई अंतरराष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिता में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। चित्रा ने 65 किलोग्राम भार में देश का प्रतिनिधित्व किया था। चित्रा भारतीय टीम में राजस्थान की एकमात्र महिला खिलाड़ी थी। दो से चार मार्च तक ईरान के जेहदान शहर में प्रतियोगिताएं हुई। चित्रा वर्ष 2011 से 2017 तक राजस्थान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पद जीत चुकी है। कोच उत्तम सैनी ने बताया कि अलवर के मनुमार्ग निवासी चित्रा सिंह ने ईरान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिता मे कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन ईरान के जेहदान में हुआ। चित्रा मंगलवार रात तक दिल्ली पहुंचेगी। चित्रा के पिता राजीव कुमार भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे व कबड्डी में अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं व उनकी माता छाया सिंह सरकारी स्कूल में अध्यापिता हैं।
वुशू में रही है चैम्पियन

2015 में राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया। चित्रा ने 2016 में तीसरे वुशु फेडरेशन कप में स्वर्ण जीतने के साथ 2017 में शिलांग में आयोजित राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया। और अब ईरान में कांस्य पदक अपने नाम किया है।
सर्वोच्च एनसीसी कैडेट का मिल चुका है खिताब

चित्रा को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट एनसीसी कैडेट का खिताब भी मिल चुका है। चित्रा एनसीसी की सी सर्टिफिकेट हॉल्डर है। चित्रा का 2017 में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित परेड में भी चयन हो चुका है।
राष्ट्रीय स्तर पर कई गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं

चित्रा सिंह राष्ट्रीय स्तर पर कई गोल्ड मेडल जीत चुकी है। चित्रा ने 2011 में राष्ट्रीय जूनियर तायक्वांडो चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। इसके बाद तो चित्रा ने पीछे मुडकऱ नहीं देखा। इसके बाद चित्रा ने 2012 में अरुणाचल प्रदेश में आयोजित जूनियर तायक्वांडो चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक, 2013 में पुड्डुचरी में आयोजित जूनियर तायक्वांडों चैम्पियनशिन में स्वर्ण, इसके बाद 2014 में सिनियर ओपन राष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, 2015 में राष्ट्रीय तायक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीते। चित्रा ने 2012 में एशियन जूनियर प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वहीं 2014 में थाईलैंड में आयोजित तायक्वांडो चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता।
बचपन में पिता का छूट गया था साथ

चित्रा जब ढाई वर्ष की थी तब इनके पिता का निधन हो गया था। चित्रा के पिता राजीव कुमार बाल्याण एयर फोर्स में नौकरी करने के साथ कबड्डी के खिलाड़ी थे। पिता के जाने के बाद चित्रा का जीवन बेहद की कठिन परिस्थितियों में गुजरा। चित्रा की मां ने चित्रा को हमेशा सपोर्ट किया। चित्रा के भाई अभिजीत बाल्याण राष्ट्रीय तायक्वांडो में गोल्ड मेडेलिस्ट हैं।

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