22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सफाई में अव्वल आ ही नहीं सकता अलवर, यहां कचरा उठाने वाला कोई नहीं है

अलवर शहर सफाई में अव्वल आए, यह नामुमकिन सा लग रहा है।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Prem Pathak

Jun 26, 2018

Clean India : Garbage spreading in alwar city

सफाई में अव्वल आ ही नहीं सकता अलवर, यहां कचरा उठाने वाला कोई नहीं है

अलवर. स्वच्छता के सर्वेक्षण में अलवर शहर का अव्वल आने का सवाल ही नहीं बनता। शहर से निकल रहे सॉलिड वेस्ट का निस्तारण करने के लिए लगाए जाने वाले प्लांट को लेकर पांच साल में टेण्डर भी नहीं हो सका। बातें हम कचरे से बिजली बनाने की करते आ रहे हैं। यह सरकार व जनता से धोखा है जिसका परिणाम हम हर बार स्वच्छता सर्वेक्षण में देखते आ रहे हैं। हर बार आगे आने की बजाय पीछे जा रहे हैं।

4.13 करोड़ रुपया सरकार से मिल चुका

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सरकार से 4.13 करोड़ रुपए का बजट भी मिल चुका है। इसके बावजूद नगर परिषद के स्तर से चार बार टेण्डर का विफल प्रयास हो चुका है। मतलब इस कार्य को करने वाली कम्पनी को अलवर लाने का प्रयास पूरे मन से नहीं हो पाया। तभी तो कम्पनी अलवर में रुचि नहीं ले रही हैं जबकि अन्य जगहों पर सॉलिड वेस्ट के प्लांट लगे हुए हैं। हाल में 21 जून को भी नया टेण्डर होना था लेकिन इसमें भी कोई कम्पनी आगे नहीं आई। एक तरह से नगर परिषद फिर हाथ पर हाथ धरे रह गई।

शहर व आसपास का माहौल बिगड़ रहा

कचरे का निस्तारण नहीं होने से अलवर शहर व आसपास के गांवों का माहौल खराब हो रहा है। शहर का कचरा पहले अम्बेडकर नगर में मुख्य रेाड पर डाला जाता है। यहां से गोलेटा जाता है। ऑटा टिप्पर से कचरा यहां खुले में आता है। हवा के साथ कचरा उड़ता है और बदबू फैलती है। अम्बेडकर नगर में कचरे से बुरा हाल है। कई किलोमीटर तक हवा दूषित हो रही है। मुख्य रोड का कचरा पूरे अम्बेडकर नगर में उडकऱ जा रहा है। इस समय भी कई किलोमीटर तक कचरे में आई पॉलीथिन पड़ी हुई हैं। तभी तो हम 376वें स्थान पर चले गए जबकि 2017 के सर्वे में अलवर शहर का 364वां स्थान था।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का ठेका देने के चार बार प्रयास हो चुके हैं। कोई कम्पनी आगे नहीं आ रही। सरकार से करीब 4.13 करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं।

रेशु, प्रभारी, स्वच्छता मिशन