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CM अशोक गहलोत ने कहा- पर्यावरण समस्या देश के लिए बड़ी चुनौती, राजस्थान में ला रहे नई पर्यावरण नीति

CM Ashok Gehlot ने कहा कि पर्यावरण समस्या देश के लिए बड़ी चुनौती है। प्रदेश में सरकार नई पर्यावरण नीति ला रही है।

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अलवर

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Lubhavan Joshi

Feb 10, 2020

CM Ashok Gehlot On New Environment Policy In Rajasthan

CM अशोक गहलोत ने कहा- पर्यावरण समस्या देश के लिए बड़ी चुनौती, राजस्थान में ला रहे नई पर्यावरण नीति

अलवर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पर्यावरण समस्या वर्तमान में देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। समस्या बड़ी है, इसके निराकरण के लिए सबको मिलकर एक आंदोलन खड़ा करना होगा। तभी इस समस्या से पार पाना संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री रविवार को अलवर जिले के नीमली गांव स्थित अनिल अग्रवाल एनवायरमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की ओर से आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक मीडिया कान्क्लेव का उद्घाटन कर सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्टेट ऑफ इण्डियाज एनवायरमेंट 2020 की रिपोर्ट जारी की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पर्यावरण की समस्या सामने हैं, नई तकनीकी का उपयोग पर्यावरण की समस्या से निपटने के लिए करने की जरूरत है। आज पर्यावरण को बड़े खतरे हैं, जब हम पर्यावरण संरक्षण को जागरुक नहीं होंगे तब तक ऐसे खतरों से निपटना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस पर लोग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं। इतने मात्र से पर्यावरण में सुधार संभव नहीं है, जबकि जरूरत साल भर पर्यावरण दिवस मनाने की है।

वर्तमान हालात गंभीर, जरूरी मुद्दे पीछे छूटे

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में वर्तमान हालात गंभीर हैं, ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा। आज के माहौल से मैं चितिंत हूं। ऐसे माहौल में पर्यावरण जैसे मुद्दे पीछे रह जाते हैं। इसलिए सभी का दायित्व है कि पर्यावरण संरक्षण के कार्य में जुटें।

राजस्थान में नई पर्यावरण नीति जल्द:

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल्द ही नई पर्यावरण नीति लाई जाएगी। हमारी प्राथमिकता पर्यावरण में सुधार की है। राजस्थान में यहां पर्याप्त जमीन है, जिस पर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। विंड एनर्जी भी सरकार की प्राथमिकता है। जंगल लगाना प्राथमिकता में है। 20 प्रतिशत जंगल बढ़ा भी है। सिलिकोसिस जैसी बीमारी खनन कार्य के दौरान होती है। पर्यावरण की समस्या से निजात नहीं पाई तो ऐसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1974 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर पहली बार चिंता जताई थी। उस दौरान उन्होंने एक संगोष्ठी में खुद पेपर पढ़ा और पर्यावरण पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि अब भी पर्यावरण बचाने की पहल नहीं की गई तो परिणाम भयानक हो सकते हैं। दिल्ली व अन्य जगहों पर गहराती प्रदूषण की समस्या इसी का परिणाम हैं।