
अलवर में गौ वंश को बचाने की पहल
अलवर. रेलवे स्टेशन रोड स्थित सार्वजनिक गोशाला परिसर में सोमवार को गोविंद गौ माता धाम में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
इस अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं ने हवन किया। इस मंदिर का निर्माण जयपुर के भगवान गोविंद देव मंदिर की तर्ज पर करवाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सार्वजनिक गोशाला समिति, रेलवे स्टेशन के पदाधिकारियों व सदस्यों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिक लोगों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। इस अवसर पर यहां दिन भर भोजन प्रसादी का वितरण किया गया। समिति अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले काफी समय से तेज मंडी में इस तरह के मंदिर की मांग थी। उसी के अनुसार मंदिर का निर्माण करवाया गया है। इसको बनाने का विशेष उद्ेश्य आमजन को गौ माता से जोडऩा है। मंदिर में आने वाले भक्तों का गौ माता से भी जुड़ाव होगा। इस धाम में शीघ्र ही गौ माता के लिए सवामणी सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी जिससे की सडक़ों पर घूम रहे गौ वंश को बचाया जा सके।
ये हैं मंदिर के खास आकर्षण
इस मंदिर का शिखर करीब 51 फीट का है, जो संभवत शहर के अन्य मंदिरों से काफी ऊंचा है। गौ शाला में आने वाले भक्त यहां भगवान के दर्शन भी आसानी से कर सकेंगे। मंदिर के निर्माण में करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च आया है। पिछले दो सालों से यहां पर निर्माण कार्य चल रहा था। मंदिर में विराजमान प्रतिमाएं जयपुर के कारीगरों ने कई माह की मेहनत से तैयार की है। ये प्रतिमाएं मकराना के सफेद पत्थर से बनाई गई हैं। यहां विराजमान गौ माता की प्रतिमा करीब सवा चार फीट व भगवान की प्रतिमाएं करीब सवा पांच फीट की है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण यहां विराजमान भगवान हनुमान की सवा सात फीट की विशालकाय प्रतिमा है। जिससे की श्रद्धालु मुख्य सडक़ मार्ग से ही दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा यहां मुख्यद्वार पर दो सखियां भी बनाई गई है। इसके अलावा शिव परिवार,दुर्गा माता व चोले वाले हनुमान की प्रतिमाएं भी यहां विराजमान की गई है।
Published on:
29 Jan 2019 11:18 am
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