जबकि नियम के अनुसार श्रमिक का पहले दिन से ही पीएफ, ईएसआई कटना और जमा होना शुरू हो जाता है। जिससे उसे राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अनुसार प्रदेश सरकार की सारी सुविधाएं मिल सके। लेकिन यहां पर स्थापित फैक्ट्रियों में फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा लापरवाही करते हुए और मजदूरों को उनका पूरा हक नहीं दिया जा रहा है।
फैक्ट्री प्रबंधन करता रहा अपना बचाव शनिवार रात को श्रमिक की काम के दौरान मौत होने के बाद फैक्ट्री प्रबंधन अपना बचाव करते हुए पहले मजदूर की मौत को शराब पीने से होना बताया। जब पुलिस के द्वारा घटनास्थल का जायजा लिया गया और मृतक के शरीर पर चोट के निशान देखकर जानकारी हासिल की तो फैक्ट्री प्रबंधन ने इसे सीमेंट के कट्टे भरते समय मशीन के पटे में आने से हादसा होना बताया।