दिल्ली मुंबई सुपर एक्सप्रेस संचालन के बाद सड़क पर बढ़ी मुसाफिरों की आवाजाही से अलवर-करौली एनएच पर दो वर्षों में काफी बदलाव आया है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड आदि राज्यों से पिनान उतार चढ़ाव से मेहंदीपुर बालाजी जाने वाले मुसाफिरों को यहां का खान-पान खूब रास आने लगा है। इन्टरचेन्ज पर उतरते ही गढ़ीसवाईराम तक करीब दस किलोमीटर तक लोगों ने भोजनालय और रेस्टोरेंट खोलकर आजीविका कमाने का संसाधन अपना लिया है। साथ ही रोजगार से विमुख सैकड़ों बैरोजगार व गरीब तबके के लोगों को रेस्ट एरिया में रोजगार मिला है।
यह बोले लोग गोपाल सिंह नरूका माचाड़ी का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के संचालन से गरीब परिवारों को संबल मिला है। जो लोग अपनी दो वक्त की रोजी के लिए दिनभर परिश्रम करता था, उसके लिए रेस्ट एरिया का रोजगार वरदान साबित हो रहा है। रोजी रोटी कमाने के साथ युवाओं में सामाजिक सरोकार की भावनाएं जागृत होगी।
आशा श्रीकांत सैदावत रैणी का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से सरकार को बैरोजगार युवाओं के प्रति रोजगार के आयाम बढ़ाने की मनसा जरूर रही है। यहां होटल रेस्टोरेंटों में रोजगार के अवसर मिल पा रहे हैं, लेकिन विकास और रोजगार के लिए क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा होना बहुत जरूरी है।
रोजगार के अवसर मिलेंगे राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक मांगे लाल मीणा का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से स्थानीय लोगों के अलावा बैरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। हाईवे निर्माण कार्य मेंटीनेंस में सैकड़ों लोगों को काम मिलेगा, जबकि एक्सप्रेस वे के चालू होने के बाद भी रखरखाव और अन्य सेवाओं के लिए स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वर्तमान में यहां फलता-फूलता स्वरोजगार भी स्थानीय लोगों के लिए गति प्रदान कर रहा है।