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Ahir Regiment : अहीरवाल में उठी मांग: अहीर योद्धाओं की बेशुमार कुर्बानियां की याद में बने अहीर रेजिमेंट

बहरोड़. कस्बे के नारनोल रोड पर निजी मैरिज गार्डन में शनिवार दोपहर को अहीर रेजीमेंट बनाने को लेकर यादव समाज की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक से पहले युवाओं ने कस्बे की सड़कों पर बाइक रैली व पैदल मार्च निकाल कर अपना प्रदर्शन किया। जिसके बाद बैठक व सभा का आयोजन किया गया। सभा को खेड़की दोला गुरुग्राम से आए अहीर समाज के प्रमुख लोगों व जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।

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Ahir Regiment  : अहीरवाल में उठी मांग: अहीर योद्धाओं की बेशुमार कुर्बानियां की याद में बने अहीर रेजिमेंट

Ahir Regiment : अहीरवाल में उठी मांग: अहीर योद्धाओं की बेशुमार कुर्बानियां की याद में बने अहीर रेजिमेंट

बहरोड़. कस्बे के नारनोल रोड पर निजी मैरिज गार्डन में शनिवार दोपहर को अहीर रेजीमेंट बनाने को लेकर यादव समाज की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक से पहले युवाओं ने कस्बे की सड़कों पर बाइक रैली व पैदल मार्च निकाल कर अपना प्रदर्शन किया। जिसके बाद बैठक व सभा का आयोजन किया गया। सभा को खेड़की दोला गुरुग्राम से आए अहीर समाज के प्रमुख लोगों व जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने विश्व को न्याय के साथ ही शिक्षा देने तथा स्वर्ग का रास्ता दिखाया था। ऐसे में आज देश में 28 जातियों व धर्मों की रेजीमेंट कार्य कर रही है, लेकिन 26 करोड़ अहीर लम्बे समय से सेना में अपनी रेजीमेंट बनाने को लेकर संघर्ष कर रहे है।
आजादी की लड़ाई से लेकर सभी युद्धों में रही प्रमुख भूमिका
वीर अहीर सैनिकों ने 1857 की आजादी की लड़ाई से कारगिल युद्ध तक अपनी वीरता व शौर्य का अभूतपूर्व लौहा मनवाया है। लेकिन उसके बाद भी केंद्र सरकार सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं कर पा रही है। ऐसे में अगर हमें सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन करवाना है तो इसके लिए सभी को साथ मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ा संघर्ष करना होगा। जिस तरह से सेना में अन्य जातियों व धर्मों की रेजीमेंट कार्य कर रही है, उसी तरह से चाहे वह 1857 की क्रांति हो, 1962, 1965, कारगिल युद्ध हो या फिर विश्व प्रसिद्ध रेजांगला का युद्ध हो सभी युद्धों में सबसे अधिक अहीर समाज के सैनिकों ने अपना अदम्य साहस दिखाया है।
इसके साथ ही वक्ताओं ने कहा कि सेना में सबसे अधिक अहीर युवा विभिन्न मोर्चों पर शहीद हुए है, लेकिन उसके बाद भी अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं किया जा रहा है। सेना में अहीर रेजीमेंट के गठन को लेकर आज समाज के जनप्रतिनिधि भी सामने आ रहे है और संसद में खुलकर रेजीमेंट बनाने की मांग कर रहे है। ऐसे जितने भी यादव समाज के जनप्रतिनिधि है वह मिलकर अहीर रेजीमेंट के गठन को लेकर संसद से लेकर विधानसभा में अपनी अपनी आवाज को बुलंद करें।


28 जाति व धर्म की रेजीमेंट तो यादव समाज की क्यों नहीं
वर्तमान में सेना में 28 जाति व धर्म की रेजीमेंट है। लेकिन अहीर रेजीमेंट नहीं होने से अहीर समाज के युवाओं को सेना में कम नौकरी मिल पाती है। इस दौरान भाजपा जिला मंत्री डॉ.नीलम यादव,पंचायत समिति प्रधान सरोज यादव, डॉ.आरसी यादव, बस्तीराम यादव, कृषि उपज मंडी सदस्य अजीत यादव, यादव हॉस्टल जयपुर के पूर्व वार्डन अरुण यादव, एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप यादव, जगमाल सिंह, जितेन्द्र यादव माचल, पार्षद प्रदीप यादव, शीशराम यादव, जयप्रकाश झाबर, संजय मीर, सुंदर पाल यादव, मुकेन्द्र यादव, राव अजीत सिंह, मनोज ककराला, समाजसेवी इन्द्र यादव, उमराव पावटा, संजय यादव, उपेन्द्र यादव,सुमित यादव सहित एक हजार से अधिक युवाओं के साथ जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।


बजट में शाहजहांपुर की अनदेखी का मामला : नगरपालिका, ट्रोमा सैन्टर व अंग्रेजी विद्यालय खुलवाने की मांग
कस्बेवासियों की चेतावनी : नगर पालिका बनाओ, नहीं तो चुनावों का करेंगे बहिष्कार
दुकानें बंद एवं धरना देकर किया विरोध, सात दिवस में मांगें नहीं मानी होगा बड़ा आंदोलन

शाहजहांपुर. राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र में शाहजहांपुर कस्बे की अनदेखी करने के विरोध में कस्बेवासियों ने शनिवार को बाजार बंद कर स्थानीय सरपंच वीरमती यादव के नेतृत्व में धरना दिया। धरना प्रदर्शन कर रहे कस्बेवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम थानाधिकारी विक्रम चौधरी को मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कस्बेवासियों ने बजट में शाहजहांपुर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नगरपालिका, ट्रोमा सैन्टर व अंग्रेजी विद्यालय खोले जाने की मांग रखी।
धरना दे रहे कस्बेवासियों ने एकजुट होकर चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगों पर सात दिवस में अमल नहीं किया तो आमजन को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा वहीं आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।
कस्बे निवासी पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बहादुरङ्क्षसह मीना सहित विभिन्न वक्ताओं का कहना था कि मुण्डावर विधानसभा क्षेत्र का जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा कस्बा होने के बावजूद ना तो नगरपालिका, ना ही उपतहसील बनाया जा रहा है। वहीं बड़े कस्बे में राजकीय महात्मागांधी विद्यालय व ट्रोमा सैन्टर खोला जाना भी मुनासिब नहीं समझा गया। जिसके विरोध में कस्बे के व्यापारियों व लोगों ने एकजुटता का परिचय देते हुए कस्बे को बंद कर विरोध जताया।

धरने की सूचना पर पीसीसी सचिव ललित यादव भी सभा स्थल पहुंचे। जहां कस्बेवासियों की मांगों को राज्य सरकार के समक्ष रख पूरी करने के प्रयास का आश्वासन दिया। जिला पार्षद संदीप यादव ने कस्बेवासियों की मांग जायज करार देते हुए सरकार द्वारा पूरा कराने की जरूरत बताई। धरने में मौजूद वक्ताओं ने राज्य सरकार की और से लगातार कस्बे की अनदेखी करने पर विरोध जताते हुए सभी कस्बेवासियों की एकजुटता से संघर्ष कर अपने हक की लडाई लडने की आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। धरने में सरपंच प्रतिनिधि ऋषि यादव, यादव समाज खासपुर मोहल्ला अध्यक्ष जगमालङ्क्षसह थानेदार, सुधीर शर्मा, एसपी गुप्ता, समाजसेवी गिर्राज यादव, राजू गुप्ता, लक्ष्मीकांत गुप्ता,सरपंच प्रतिनिधि रूपेश यादव, रमेशचन्द सैनी, संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नाहरङ्क्षसह चौहान, पंचायत समिति सदस्य ऋषिराज यादव, समीर यादव, समाजसेवी राजङ्क्षसह यादव, उपसरपंच करणङ्क्षसह मीना, धीरेन्द्र गुप्ता, रामकरण गुप्ता, घासीराम यादव, हरकेश यादव, राजपाल पीटीआई, समीर यादव, किसान नेता हमीर यादव,पूर्व एमपीएस हरीङ्क्षसह वाल्मीकि, श्यामसुन्दर टांडा, पूर्व सरपंच हरकेश, रमेश गुप्ता, यूवा नेता छोटू यादव, पंच सुजानङ्क्षसह प्रजापति, उपेन्द्र जोशी, देवेन्द्र जोशी, अतुल जोशी, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मेहरा, महेन्द्रङ्क्षसह गौड सहित बड़ी संख्या में कस्बेवासी व व्यापारियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सात दिवस में अपनी मांगे पूरी कराने की मांग की। राज्य सरकार द्वारा कस्बेवासियों की मांगों को नजरअंदाज करने पर धरना प्रदर्शन करने व आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी।