
बड़े विकसित देशों की पहली पसंद बना राजस्थान का यह गांव, अब तक 11 हजार करोड़ से ज्यादा का हो चुका निवेश
विश्व के विकसित देश भारत में निवेश कर रहे हैं। इनमें से कई देशों की पहली पसंद राजस्थान के अलवर का नीमराणा बन चुका है। जापान, कोरिया सहित कई देश यहां 11 हजार करोड़ से अधिक का निवेश कर चुके हंै। तीन दशक पहले नीमराणा मे पहले मिट्टी के टीले थे, लेकिन अब यहां ऊंची-ऊंची बिल्डिंग दिखाई देती है।
बहरोड़-शाहजहांपुर के बीच तीन दशक पहले तक पूरी तरह मिट्र्टी के टीले और पहाड़ों से घिरा अलवर का औद्योगिक क्षेत्र नीमराणा की माटी सोना उगल रही है। यहां देशी-विदेशी कम्पनियों ने करीब 11 हजार करोड़ का निवेश किया है। मतलब डॉलर व येन मुद्रा के भाव जमीनों के लग रहे हैं। निवेश होने के बाद यहां की कम्पनियों में अब तक 27 हजार लोगों को रोजगार मिला है और निवेशकों को पूरा रिर्टन। तभी तो आगे यहां कोरियाई जाने बनाने की तैयारी पूरी हो गई। दिनोंदिन गांवों की जमीन पर फैक्ट्रियां फैलती जा रही हैं।
नीमराणा से निकले रहे नेशनल हाईवे संख्या आठ पर करीब एक दर्जन से अधिक गांवों की जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विस्तार लेता हुआ 1.78 करोड़ वर्गमीटर में फैल चुका है। जिसमें अकेला जापानी जोन ही करीब 47 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में हैं। जापानी जोन में पांच हजार 808 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। यही पर 210 एकड़ जमीन पर औद्योगिक निर्यात संवर्धन पार्क (ईपीआईप) विकसित हो चुका है। घिलोट में 1846 एकड़ जमीन पर कोरियाई जोन भी तैयार हो चुका है। हालांकि फिलहाल इसमें जनरल जोन के रूप में 125 बड़ी इकाइयों को जमीन आवंटित की जा चुकी है। 20 इकाइयों विकसित हो रही हैं। कोलीला जोगा में भी 201 एकड़ जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र का विकास कार्य हो रहा है। इन सबसे पहले नीमराणा का पुराना औद्योगिक क्षेत्र की अपनी अलग पहचान है। जिसमें कई हजार फैक्ट्रियां में 17 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। जापानी जोन में 11 हजार 589 सहित पूरे नीमराणा में करीब 28 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
यहां बसे उद्योग
नीमराणा का माधोसिंह पुरा, प्रतापसिंहपुरा, ईपीआईपी प्रतापसिंह पुरा व मोलडिया, जापानी जोन माजराकाठ, माधोसिंपुरा, काली पहड़ी, जनक सिंह पुरा आदि गांवों की जमीन पर बसा हुआ है। अब इन अधिकतर गांवों में डीएलसी दर दस साल पहले की तुलना में करीब चार गुना बढ़ चुकी है। यूआईटी के जरिए मान्यता प्राप्त कॉलोनियेां में जमीनों के भाव 20 हजार रुपए वर्गमीटर से अधिक है। कई दर्जन कृषि भूमि पर कॉलोनियां बस चुकी है। कृषि भूमि की कॉलोनियों में जमीनों के भाव प्रॉपर्टी डाउन आने के बाद नीचे गिर गए हैं।
6 मेगावाट का सॉलर पावर स्टेशन
डीएमआईसी के जरिए जापानी जोन में 6 मेगावाट का सोलर पावर स्टेशन बन चुका है। जिससे 5 मेगावाट बिजली सरकार को सप्लाई हो रही है। शेष एक 1 मेगावाट बिजली कुछ कम्पनियों में सीधे सप्लाई हो रही है।
मेगा सीएनजी स्टेशन
यहां पर सीएनजी पम्प है। जिससे वाहनों को सीधे सीएनजी मिल रही है। गेल का स्टेशन है। जिससे कम्पनियों को सीधे गेल के जरिए गैस सप्लाई हो रही है।
इन खास उत्पादों की जापानी कम्पनी
ऑटो पाट्र्स की अधिक कम्पनी है। एसी बनते हैं। कलर कम्पोनेंट, प्लास्टिक दाना, मारुति व होण्डा के पाट्र्स है। पुराने औद्योगिक क्षेत्र में धागा, कपड़ा, बीयर, टायर, बिस्कुट सहित कई खाद्य पदार्थ की कम्पनी हैं। स्कूटर व मोटरसाइकिल बनती हैं। हैवल्स के इलेक्ट्रिक उत्पाद बनते हैं।
फैक्ट फाइल
नीमराणा में औद्योगिक क्षेत्र - 1.78 करोड़ वर्गमीटर
जापानी जोन - 47 लाख वर्गमीटर
राजेगार - करीब 27 हजार
दिल्ली से नीमराणा शहजहापुंर तक मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट - करीब 25 हजार करोड़
अलवर -दिल्ली की दूरी - करीब 180 किलोमीटर
प्रस्तावित कार्गो एयरपोर्ट की दूरी - करीब 20 किलोमीटर दूर होगा
डीएमआईसी - शाजहांपुर क्षेत्र में प्रस्तावित
अब तक -11 हजार करोड़ का निवेश
एक सरकारी स्कूल से अब कई विश्वविद्यालय
साल 2006 में यहां जापानी जोन के आने से पहले यहां एक सरकारी स्कूल के अलावा कोई उच्च शिक्षण संस्थान नहीं था। लेकिन अब नीरामणा में राजकीय पॉलिटैक्निक कॉलेज, राजकीय आईटीआई कॉलेज, निर्माणाधीन 150 बैड का अस्पताल, रैफल यूनिवर्सिटी सहित दो अन्य निजी विश्वविद्यालय यहां चल रहे हैं। अब यहां एक बीघा जमीन के भाव 2 से तीन करोड़ रुपए हैं। मुख्य रोड से दूर भी जमीन एक करोड़ रुपए बीघा से अधिक हैं।
Published on:
11 Jul 2018 03:36 pm
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