
- खैरथल-तिजारा के अलावा कोटपूतली-बहरोड़ में जिला परिषद बोर्ड का होगा अलग से गठन
- नवंबर तक चार साल पूरा हो जाएगा परिषद के बोर्ड का कार्यकाल, एक साल पहले चुनाव हो सकते
Alwar: निकायों के नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने जा रहे हैं। इन्हीं के साथ जिला परिषद बोर्ड के चुनाव भी कराने की तैयारी चल रही है। इस प्रक्रिया से अलवर से अलग हुए जिलों को भी जिला प्रमुख मिल जाएंगे। राजनीतिक दल भी उसी के अनुसार अपनी तैयारियां कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने एक राज्य, एक चुनाव की घोषणा की है। उसी के तहत निकायों के चुनाव एक साथ नवंबर-दिसंबर माह में कराने की तैयारी है। सरकार ने एक चुनाव के चलते नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में प्रशासक लगाए हुए हैं। साथ ही सरपंचों का कार्यकाल भी पूरा हो गया है। वहां भी प्रशासक बनाए गए हैं। यानी यह चुनाव एक साथ होंगे। उसी के अनुसार सरकार की तैयारी है। जिला परिषद का कार्यकाल भी नवंबर तक चार साल का पूरा हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार एक साल का कार्यकाल कम करके जिला परिषदों में बोर्ड का नए सिरे से गठन निकायों के साथ ही करा सकती है। इससे नए जिले खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ को जिला प्रमुख मिल जाएंगे। प्रदेश के अन्य नए जिलों में भी परिषदों के गठन के बाद पहला चुनाव होगा।
49 में से 28 सीटें रह जाएंगी अलवर के पास
अलग-अलग जिला परिषद के चुनाव होने से अलवर के पास जिला पार्षदों की 28 सीटें रह जाएंगी। 10 सीटें खैरथल-तिजारा व कोटपूतली-बहरोड़ के पास 11 सीटें चली जाएंगी। पुराने अलवर जिले में 49 सीटें जिला पार्षदों की थी। कांग्रेस व भाजपा के जिला पार्षद चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। यदि नवंबर में चुनाव होता है तो फिर तीनों जिला परिषदों में काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। जिला परिषदों के गठन से बोर्ड संबंधित जिलों में बैठेगा और जनता की भागदौड़ भी खत्म हो जाएगी। मालूम हो कि अभी तक अलवर जिले की जिला परिषद के पास ही संयुक्त विकास की जिम्मेदारी है।
Published on:
27 May 2025 10:55 am
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
