27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केंद्रीय विद्यालय की मांग को लेकर राजगढ़ में विरोध-प्रदर्शन तेज, रैली में उमड़ी लोगों की भारी भीड़ 

Protest in Rajgarh regarding the demand of Kendriya Vidyalaya राजगढ़ आवाज मंच के बैनर तले राजगढ़ के लिए स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय को कस्बे से बाहर खोलने के विरोध में आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है।

2 min read
Google source verification

शुक्रवार को निकली महारैली (फोटो - पत्रिका)

राजगढ़ आवाज मंच के बैनर तले राजगढ़ के लिए स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय को कस्बे से बाहर खोलने के विरोध में आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। तीसरे दिन भी शुक्रवार को राजगढ़ कस्बे का संपूर्ण बाजार शांतिपूर्ण ढंग से पूर्णतया बंद रहा। इस दौरान न केवल व्यापारिक प्रतिष्ठान बल्कि मेडिकल स्टोर व सब्जी मंडी भी पूरी तरह बंद रहे। बंद के साथ-साथ कस्बे में विशाल महारैली निकालकर प्रशासन व सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया गया।

मेडिकल दुकानें भी बंद

शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे से ही व्यापारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन पंडित भवानी सहाय चौक पर एकत्रित होने लगे। देखते ही देखते चौक पर भारी भीड़ जमा हो गई। राजगढ़ आवाज मंच के नेतृत्व में कस्बे के व्यापारी व नागरिक नारेबाजी करते हुए पंडित भवानी सहाय चौक से मुख्य मार्गों से गुजरते हुए महारैली के रूप में रवाना हुए। साथ ही मेडिकल एसोसिएशन ने भी समर्थन देते हुए अपनी मेडिकल की दुकानें बंद रखी।

पिछले 50 वर्षों में राजगढ़ को कोई बड़ी योजना नहीं

महारैली को संबोधित करते हुए मंच के मुकेश जैमन ने कहा कि राजगढ़ वासियों की आवाज अब राजस्थान सरकार तक पहुंच चुकी है। यह आंदोलन किसी राजनीति का नहीं बल्कि अपने अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में राजगढ़ को कोई बड़ी योजना नहीं मिली और जो योजना स्वीकृत हुई, उसे भी हमसे छीना जा रहा है। दुख की बात है कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले में सोया हुआ है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखते हुए एकजुट रहने का आह्वान किया।

टहला बाईपास की ओर रवाना

महारैली कस्बे के गोल सर्किल, सराय बाजार होते हुए टहला बाईपास की ओर रवाना हुई, जहां लोगों ने केंद्रीय विद्यालय को राजगढ़ में ही खोले जाने की मांग दोहराई। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।