
फोटो-एआई जेनरेटेड
अलवर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के टेंडरों में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने के मामले में जलदाय विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। वर्ष 2020-21 और 2023-24 के टेंडर प्रकरण की जांच तेज होने के साथ ही अलवर जिले के 19 एईएन और जेईएन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च स्तर पर भेजी गई है। पूरे प्रदेश में 139 अधिकारी-कर्मचारी इस जांच की जद में हैं और विभाग आगामी दिनों में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
वर्ष 2023-24 में फर्मों द्वारा जमा कराए गए अनुभव प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी सामने आने पर जांच शुरू हुई, जिसके बाद पुराने यानी 2020-21 में हुए कार्यों की भी फाइलें खोली गई। कई स्थानों पर कार्यों को बिना भौतिक रूप से पूरा किए कागजों में पूर्ण दिखाने के मामले सामने आए। वहीं, अधिकारियों की चार्जशीट तैयार की जा रही है और उच्च स्तर पर तीन से चार दौर की बैठकें हो चुकी हैं, हालांकि अभी किसी को आधिकारिक रूप से दोषी नहीं माना गया है।
जांच के दौरान टेंडर अनियमितता में संलिप्तता मिलने पर तीन निजी फर्मों को विभाग ने डिबार कर दिया है। वहीं, 119 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। अधिकारियों-कर्मचारियों और फर्मों की मिलीभगत को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं। विभागीय स्तर पर निलंबन, विभागीय दंड और वित्तीय रिकवरी जैसे कदम उठाने की तैयारी है।
जलदाय विभाग ने टेंडर प्रक्रिया में सतर्कता बढ़ा दी है। अब किसी भी नए टेंडर में तकनीकी स्वीकृति, कार्यादेश और भुगतान से लेकर स्थल निरीक्षण तक हर चरण में सख्त मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि लापरवाही या नियमों से समझौता करने पर तुरंत कार्रवाई होगी।
Published on:
27 Dec 2025 09:53 pm
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