
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की पेयजल परियोजनाओं का रख-रखाव और आमजन को बेहतर पेयजल सेवाएं मुहैया कराने के लिए बड़ा कदम उठाया गया था। विभाग ने 1051 सपोर्ट इंजीनियरों की भर्ती के प्रस्ताव को कर्मचारी चयन बोर्ड से वापस ले लिया है, और चयन बोर्ड ने भर्ती को निरस्त कर दिया है। अब विभाग परियोजनाओं के रख-रखाव के लिए सपोर्ट इंजीनियरों की जगह आइटीआइ प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती करेगा।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) अखिल अरोड़ा 1051 सपोर्ट इंजीनियरों की भर्ती के पक्ष में नहीं थे। बैठकों में उन्होंने कहा कि विभाग में इंजीनियरों की पर्याप्त संख्या पहले से है, लेकिन तकनीकी कर्मचारियों की कमी से परियोजनाओं के रख-रखाव में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसका खमियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। इसके बाद विभाग ने सपोर्ट इंजीनियरों की भर्ती का प्रस्ताव वापस ले लिया।
एसीएस अखिल अरोड़ा का मानना है कि इंजीनियरों की जिम्मेदारी केवल मॉनिटरिंग तक सीमित है, जबकि जमीनी स्तर पर पेयजल सुविधाएं उपलब्ध कराने का दारोमदार तकनीकी कर्मचारियों पर होता है।
अरोड़ा का मानना है कि इंजीनियरों की जगह आइटीआइ तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती लाभकारी होगी। सीनियर इंजीनियर ने बताया कि पेयजल परियोजनाएं ठेके पर चल रही हैं। फील्ड इंजीनियर व ठेकेदार ही निर्णय लेते हैं। ऐसे में तकनीकी कर्मचारी परियोजनाओं के रख-रखाव में दोनों में महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करेंगे।
Published on:
08 Nov 2025 07:10 am
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