अलवर. राज्य के निजी अस्पताल संचालकों की ओर से राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया जा रहा है। इसके लिए अलग अलग तरह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। रविवार को अलवर में भी बिल का विरोध करने के लिए सामान्य चिकित्सालय के आईएमए परिसर के बाहर सदबुदि्ध यज्ञ किया गया।
इससे पहले प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति के बैनर तले मीटिंग की तथा निर्णय लिया कि सरकार की ओर से प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है तथा इस बिल को राज्य के निजी अस्पताल सिरे से ख़ारिज करते हैं । प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति का स्पष्ट मत है कि जब राज्य के नागरिकों को सभी स्वास्थ्य सेवाएँ पहले से ही निशुल्क उपलब्ध हैं तो इस बिल की आवश्यकता नहीं है ।ये बिल राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य का कोई अतिरिक्त अधिकार नहीं है ।ये बिल मात्र निजी अस्पतालों पर प्रशासन की अनावश्यक दख़लंदाज़ी को बढ़ावा देगा जिस से निजी अस्पतालों की गुणवत्ता प्रभावित होगी ।चुनावी वर्ष में वोटर को लुभाने के लिए सरकार निजी स्वास्थ्य सेवाओं से प्रयोग कर रही है जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घातक साबित होंगे तथा राज्य के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ दे रहा निजी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा । प्राइवेट हॉस्पिटल संघर्ष समिति इस बिल के विरोध में 16मार्च से आंदोलन किया जा रहा है। सरकार को आगाह किया है कि यदि इस बिल को वापस नहीं लिया गया तो राज्य के निजी अस्पताल आंदोलन के लिए मज़बूर होंगे जिसकी सारी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। शनिवार को कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया गया।