
अतिक्रमण से तोते की तरह आंख फेरने के नतीजे: सड़कों पर जुगाली करती हैं भैंस
बहरोड़ रोड से अलवर शहर में प्रवेश करते ही मुख्य सड़क के दोनों तरफ बेतरतीब अतिक्रमण का इतना घना जाल फैल चुका है कि जो शहर के स्वरूप को ढकने लगा है। जैसे ही राठ नगर के आसपास बस या कार से आने वाले यात्रियों की नजर बाहर की तरफ जाती है तो हर कोई यह देखकर दंग रह जाता है कि कहीं रोड के किनारे भैंस बंधी हैं। कहीं कचरे व कबाड़ के ढेर पड़े हैं। दुकानों के आगे दूर तक सरिए, रोडी, पत्थर फैले हैं। कहीं विद्युत पोल तो कहीं पेड़ खड़े है।
हाल में कई करोड़ रुपए की लागत से महाराज भर्तृहरि का पेनोरमा बनाया है। जिसके बिल्कुल सामने पूरी रोड अतिक्रमण से अट चुकी है। पैदल चलते लोगों को तो पेनोरमा नजर ही नहीं आता है। पूरे फुटपाथ पर खोखे, कहीं जमीन पर दुकानें हैं। जिनके कारण यहां स्थित बस स्टॉप भी नजर नहीं आता है।
शिवाजी पार्क व हसन खां के सामने इतना ज्यादा अतिक्रमण है कि रोड के दोनों तरफ बिल्कुल जगह नहीं बचती है। दो जगहों पर कबाड़ पड़ा है। दो-तीन जगहों पर रोड के किनारे ही भैंस बंधी मिलती हैं। आधा दर्जन जगहों पर कहीं भवन निर्माण सामग्री ने रोड के बगल की जगह को पूरा रोक लिया है। कहीं अण्डे व कहीं शराब की दुकानों का अतिक्रमण है।
सर्दी के दिनों में तो शिवाजी पार्क के आसपास मूंगफली की दुकानें रोड के ऊपर तक लग जाती हैं। जिसके कारण रोड से निकलते वाहनों को बचने की जगह नहीं मिलती। कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। फिर भी जिम्मेदार विभागों के अधिकारी दफ्तरों से बाहर नहीं आते।
Published on:
20 Jan 2020 10:41 pm
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