23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अतिक्रमण से तोते की तरह आंख फेरने के नतीजे: सड़कों पर जुगाली करती हैं भैंस

अलवर. एनसीआर में शामिल अलवर शहर की कुंडली में अतिक्रमण का राहू कुछ इस तरह पैबस्त हो गया है कि अब जिधर नजर घुमाओं उधर ही अतिक्रमण नजर आता है। शहर के किसी भी सड़क मार्ग से गुजरो, कहीं भैंस जुगाली करती नजर आती है तो कहीं सांड सड़क के बीचोबीच कब्जा जमाए हुए दिखता है। अलबत्ता ट्रैफिक उनसे बचकर निकलने में ही भलाई समझता है।

less than 1 minute read
Google source verification

अलवर

image

Subhash Raj

Jan 20, 2020

अतिक्रमण से तोते की तरह आंख फेरने के नतीजे: सड़कों पर जुगाली करती हैं भैंस

अतिक्रमण से तोते की तरह आंख फेरने के नतीजे: सड़कों पर जुगाली करती हैं भैंस

बहरोड़ रोड से अलवर शहर में प्रवेश करते ही मुख्य सड़क के दोनों तरफ बेतरतीब अतिक्रमण का इतना घना जाल फैल चुका है कि जो शहर के स्वरूप को ढकने लगा है। जैसे ही राठ नगर के आसपास बस या कार से आने वाले यात्रियों की नजर बाहर की तरफ जाती है तो हर कोई यह देखकर दंग रह जाता है कि कहीं रोड के किनारे भैंस बंधी हैं। कहीं कचरे व कबाड़ के ढेर पड़े हैं। दुकानों के आगे दूर तक सरिए, रोडी, पत्थर फैले हैं। कहीं विद्युत पोल तो कहीं पेड़ खड़े है।
हाल में कई करोड़ रुपए की लागत से महाराज भर्तृहरि का पेनोरमा बनाया है। जिसके बिल्कुल सामने पूरी रोड अतिक्रमण से अट चुकी है। पैदल चलते लोगों को तो पेनोरमा नजर ही नहीं आता है। पूरे फुटपाथ पर खोखे, कहीं जमीन पर दुकानें हैं। जिनके कारण यहां स्थित बस स्टॉप भी नजर नहीं आता है।
शिवाजी पार्क व हसन खां के सामने इतना ज्यादा अतिक्रमण है कि रोड के दोनों तरफ बिल्कुल जगह नहीं बचती है। दो जगहों पर कबाड़ पड़ा है। दो-तीन जगहों पर रोड के किनारे ही भैंस बंधी मिलती हैं। आधा दर्जन जगहों पर कहीं भवन निर्माण सामग्री ने रोड के बगल की जगह को पूरा रोक लिया है। कहीं अण्डे व कहीं शराब की दुकानों का अतिक्रमण है।
सर्दी के दिनों में तो शिवाजी पार्क के आसपास मूंगफली की दुकानें रोड के ऊपर तक लग जाती हैं। जिसके कारण रोड से निकलते वाहनों को बचने की जगह नहीं मिलती। कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। फिर भी जिम्मेदार विभागों के अधिकारी दफ्तरों से बाहर नहीं आते।