
राजस्व विभाग ने की थी 38 हैक्टेयर जमीन उद्यान विभाग को आवंटित
बहरोड़. उद्यान विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते बहरोड़ में बनने वाला फ्लाॅवर पार्क फाइल से बाहर नहीं निकल पाया। राज्य सरकार ने मार्च 2013 में बहरोड़ के जैनपुरबास गांव में राजस्व विभाग की 38 हैक्टेयर जमीन उद्यान विभाग को बहरोड़ में फ्लॉवर पार्क बनाने के लिए आवंटित की थी। लेकिन एक दशक से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी यहां पर फ्लॉवर पार्क नहीं बन पाया। लेकिन एक दशक बाद भी फ्लॉवर पार्क को लेकर विभाग व राज्य सरकार के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए गए। इसके चलते बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं की नजर बनी हुई है।https://www.patrika.com/special-news/farmers-are-not-allowed-to-enter-the-krishak-vishramgrih-18634220
बहरोड़ क्षेत्र के किसान पारंपरिक खेती के साथ ही अब व्यवसायिक खेती की ओर अग्रसर होते जा रहे है। यहां पर बड़ी संख्या में किसान फूलों की खेती कर रहे है। ऐसे में बहरोड़ से दिल्ली -जयपुर की दूरी लगभग समान होने के साथ ही यहां के किसानों को फ्लॉवर पार्क के माध्यम से फूलों की विभिन्न किस्म, उनके रखरखाव के साथ ही उन्नत तकनीक को लेकर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाना था।
जैनपुरवास में बनने वाले फ्लॉवर पार्क को उद्यान विभाग व राज्य सरकार की ओर से एक्सीलेंस फ्लॉवर पार्क बनाया जाना था। जिससे क्षेत्र के किसानों का लाभ मिल सके।
गिरते हुए भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए बहरोड़ में फ्लॉवर पार्क विकसित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए विभाग की ओर से अलवर जिला कलक्टर से 38 हैक्टेयर जमीन तक आवंटित करवा ली थी।
उद्यान विभाग ने फ्लॉवर पार्क की जमीन के कुछ हिस्से पर बाउंड्री बना कर एक सुरक्षा गार्ड तैनात किया था।ताकि फ्लॉवर पार्क की जमीन पर कोई अवैध खनन व अतिक्रमण नहीं करे। लेकिन वर्तमान में फ्लॉवर पार्क की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है।
क्षेत्र के किसान पारंपरिक खेती के साथ ही अब धीरे धीरे व्यवसायिक खेती की ओर अग्रसर होते जा रहे है।लेकिन उन्हें उद्यान विभाग व कृषि विभाग से व्यवसायिक खेती के लिए समय पर प्रशिक्षण मिल सके। इसके लिए कोई प्रशिक्षण केंद्र नहीं है।
बहरोड़ के जैनपुरबास में फ्लॉवर पार्क विकसित किया जाना है। इसकी फाइल कुछ समय पहले ही अलवर से प्राप्त हुई है। जमीन को लेकर एक दो बार निरीक्षण किया गया है। फ्लॉवर पार्क को विकसित करने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
सरदारमल यादव, उप निदेशक उद्यान विभाग कोटपूतली बहरोड़
Updated on:
22 Apr 2024 06:21 pm
Published on:
22 Apr 2024 06:18 pm
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