
प्याज बुवाई पर देश के बड़े व्यापारियों की नजर, 85 प्रतिशत बुवाई पूरी - किसान अब खुद तैयार करने लगे प्याज के बीज
प्याज बुवाई पर देश के बड़े व्यापारियों की नजर, 85 प्रतिशत बुवाई पूरी - किसान अब खुद तैयार करने लगे प्याज के बीज
- पहले गुजरात से मंगाते थे
अलवर.
खरीफ की फसल के प्याज की अलवर जिले में बुवाई पर देश भर के सब्जी विक्रेताओं की नजर है। इस बार अलवर जिले में प्याज का रकबा बढ़ा है। इस समय तक जिले में 90 प्रतिशत प्याज की बुवाई हुई है। अलवर में प्याज की गुणवत्ता से प्याज के भाव तय होंगे।
इन दिनों अलवर जिले में प्याज की बुवाई बरसात के कम होते ही शुरू हो गई है। बीते कुछ सालों से अलवर जिले के किसान अन्य राज्यों से इसकी गंठी यानि बीज नहीं मंगा रहा है। किसानों ने स्वयं ही अपने यहां बीज व इसकी गंठी तैयार कर ली है। जिन किसानों ने इसकी गंठी तैयार नहीं की है वे यहां स्थानीय स्तर पर ही इसे खरीद रहे हैं। किसान मई माह से प्याज की गंठी तैयार कर रहा है।इसके बीज को लटका दिया जाता है जिससे उसमें नमी नहीं आ सके।
इस साल रकबा बढ़ने की उम्मीद-
इस वर्ष अलवर जिले में प्याज का रकबा 20 हजार हैक्टेयर को पार करने की संभावना है। अब तक 19 हजार हैक्टेयर में इसकी बुवाई हो गई है। पिछले साल यह 18 हजार हैक्टेयर था। पिछले साल प्याज के भाव कम रहे जबकि इससे पूर्व के सालों में इसके रिकार्ड भाव रहे जिसके कारण किसान इसे प्रमुखता से पैदा करते हैं।
डेढ़ लाख किसानों के घरों में खुशियां लाता है प्याज-
अलवर जिले में प्याज की पैदावार निरंतर बढ़ती जा रही है। इस बारे में उद्यान विभाग के पर्यवेक्षक मनोज जैन बताते हैं कि एक बीघा में 80 मन प्याज पैदा होता है। एक मन में 40 किलो होते हैं। तीन साल पहले इसके भाव 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए थे। अलवर जिले में प्रति वर्ष ढाई लाख मैटि्रक टन प्याज का उत्पादन होता है। अलवर जिले में प्याज बुवाई का एरिया और किसानों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
प्याज की फसल अच्छी तो खूब बिकते हैं वाहन और जेवरात-
अलवर की अर्थ व्यवस्था से प्याज का सीधा संबंध है। जिस साल अलवर जिले में प्याज अच्छी होती है, उस साल अलवर में बाजार एक दम उठ जाता है। प्याज के भाव अच्छे मिलने पर किसान शादी विवाह में खूब खर्च करता है और यहां दुपहिया और चौपहिया वाहन खूब बिकते हैं।
Published on:
07 Sept 2022 09:41 pm
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