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बहरोड़। कृषि विभाग ने फसलों में डीएपी के विकल्प के रुप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का उपयोग कर जिले के किसानों को कम लागत में गुणवत्ता युक्त अच्छी उपज प्राप्त करने की सलाह दी है।
संयुक्त निदेशक कृषि एमके जैन ने किसानों को सलाह दी है कि वे आगामी रबी फसलों जेसे सरसों, गेहूं, चना आदि सभी फसलों में डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) उर्वरक का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि डीएपी के स्थान पर 3 बैग एसएसपी, 1 बैग यूरिया का उपयोग करने पर 23 किलोग्राम नाईट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस व 16.5 किलोग्राम सल्फर मिलती है, जबकि 1 बैग डीएपी से केवल 9 किलोग्राम नाईट्रोजन, व 23 किलोग्राम फास्फोरस ही फसलो को मिलती है।
एसएसपी से 16.5 किलोग्राम सल्फर अतिरिक्त मिलती है जिससे सरसों में तेल की मात्रा बढती है व उपज भी अधिक मिलती है। साथ ही सल्फर से फसल में प्रोटीन, विटामीन भी ज्यादा मिलते है। जो चना फसल के लिए आवश्यक है।
किसानों की ओर से डीएपी के स्थान पर एसएसपी उर्वरक का प्रयोग करने से लागत में भी कमी आती है। क्योकिं एसएसपी प्रयोग करने से सल्फर पर अलग से किसानों खर्च नहीं करना पड़ता है। साथ ही एसएसपी उर्वरक का उत्पादन राज्य में ही होने से आसानी से बाजार में उपलब्ध है। किसान उर्वरक, बीज अधिकृत विक्रेता से ही लेवें व पक्का बिल अवश्य लेवें।
Published on:
13 Sept 2024 04:09 pm
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