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राजस्थान में खत्म हुई टाइगर की दहशत, 2 दिनों तक था खौफ का माहौल, वन विभाग को मिली सफलता

Tiger in Alwar: बाघ ने महुखुर्द गांव में हमला कर तीन जनों को घायल कर दिया था। रेस्क्यू के दौरान वन विभाग के वाहन पर भी छलांग लगाकर अटैक किया था।

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अलवर

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Rakesh Mishra

Jan 03, 2025

Tiger Attack in Rajasthan
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पत्रिका फोटो

Tiger Caught in Rajasthan: राजस्थान के बांदीकुई के बैजूपाड़ा तहसील क्षेत्र के महुखुर्द गांव और अलवर में दहशत का पर्याय बन चुके टाइगर एसटी 2402 का आखिरकार शुक्रवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया। वन विभाग की टीम ने दो दिन बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया है। विभाग को यह सफलता अलवर जिले के चीलकी का बास रैणी में मिली है।

वहीं ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाघ को वन विभाग की गाड़ी में सरिस्का ले जाया जा रहा है। इस दौरान मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। लोग लगातार बाघ का वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में वन विभाग की टीम को काफी परेशानी हो रही थी। इस दौरान वीडियो बना रहे लोगों और वन विभाग के कर्मचारियों के बीच कहासुनी भी हो गई थी।

दिनभर तलाशती रहीं टीमें

आपको बता दें कि गुरुवार को वन विभाग की टीमें दिनभर महुखुर्द व निहालपुरा गांव के आसपास बाघ तो तलाशती रही, लेकिन बाघ उनकी आंखों से ओझल हो गया। दिनभर तलाश करती हुई टीमें अलवर जिले में पहुंच गई। रात सवा नौ बजे फिर दौसा जिले के पातरखेड़ा गांव में टाइगर की मूवमेंट की सूचना पर टीम वहां पहुंच गई।

पगमार्क का किया पीछा

गुरुवार सुबह टीमों को जब बाघ की कोई हरकत का पता नहीं लगा तो खेतों में पगमार्क तलाशे गए। पगमार्क के पीछे-पीछे टीमें कई गांवों से होती हुई गुजरी। शाम होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन थम गया और फिर से अलवर और दौसा सीमा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में दहशत का माहौल हो गया था।

22 माह का है बाघ

सरिस्का के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीनदयाल मीना ने बताया था कि पहले जेसीबी और गाड़ियों सहित बाघ को घेरकर स्टेबल करने का प्रयास किया, लेकिन वह इधर से उधर दौड़ता रहा। टाइगर एक स्थान पर सही स्थिति में नहीं बैठने के कारण ट्रेंकुलाइज नहीं हो सका था। करीब 22 माह उम्र का यह बाघ पहली बार सरिस्का क्षेत्र से बाहर आया है।

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तीन को किया घायल

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरिस्का में अपनी टेरेटरी नहीं बना पाने, मादा बाघिनों की कमी आदि कई कारणों से बाघ तनाव में आकर बाहर निकला है। महुखुर्द से भी करीब आधा दर्जन गांवों में होता हुआ 8-10 किलोमीटर चलकर बाघ अलवर जिले के करणपुरा पहुंचा, जहां एक घर के बाहर दहाड़ सुनी गई।

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गौरतलब है कि बुधवार सुबह बाघ ने महुखुर्द गांव में हमला कर तीन जनों को घायल कर दिया था। रेस्क्यू के दौरान वन विभाग के वाहन पर भी छलांग लगाकर अटैक किया था।

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