
सरकार की तैयारी, अब चेयरमैन की बारी
अलवर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों की गति तेज करने से अब अलवरवासियों को भी अलवर यूआईटी में जल्द ही पब्लिक चेयरमैन की नियुक्ति की उम्मीद जगी है। बड़ी राजनीतिक नियुक्तियों में अब तक अलवर जिले में पिछले दिनों ही जिला स्तरीय बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा की नियुक्ति की है।
राज्य में पिछले दिनों हुए कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने राजनीतिक नियुक्तियों की गति तेज कर दी है। पिछले दिनों प्रदेश स्तरीय समितियों में कई नियुक्तियों के अलावा जिला स्तरीय समितियों के प्रमुख पदों पर भी राजनीतिक नियुक्तियां शुरू कर दी है। पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति दे दी। इससे पहले कैबिनेट विस्तार में अलवर के कांग्रेस विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा चुका है।
पब्लिक चेयरमैन का शहर के विकास में मिलता है लाभ
यूआईटी में पब्लिक चेयरमैन होने का लाभ शहर के विकास को मिलता है। इसका कारण है कि पब्लिक चेयरमैन के पास शहर के अनेक वर्गों से विकास कार्यों के सुझाव पहुंचते हैं, वहीं स्वयं भी शहर में कुछ नया करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस कारण यूआईटी में लिए जाने वाले विकास के प्रस्तावों पर शहरवासियों की झलक दिखाई पड़ती है। वहीं सरकारी चेयरमैन रहने पर शहर के विकास का भी सरकारीकरण होने की अंदेशा रहता है। कारण है कि यूआईटी ट्रस्ट की बैठक में किए जाने वाले निर्णयों में ज्यादातर सुझाव सरकारी अधिकारियों के ही रहते हैं, जिससे विकास के प्रस्ताव भी सरकारी ढर्रे पर तैयार किए जाते हैं।
तीन साल से ज्यादा समय से यूआईटी में पब्लिक चेयरमैन नहीं
अलवर यूआईटी में तीन साल से ज्यादा समय से पब्लिक चेयरमैन नहीं है। इस कारण अभी जिला कलक्टर को ही यूआईटी चेयरमैन का जिम्मा सौंपा हुआ है। पिछली बार भाजपानीत सरकार में अलवर यूआईटी पद पर पब्लिक चेयरमैन की नियुक्ति हुई थी, उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद से इस पद का जिम्मा जिला कलक्टर संभाल रहे हैं।
कांग्रेस के कई नेता कतार में
अलवर यूआईटी में पब्लिक चेयरमैन की जल्द नियुक्ति की संभावना के चलते कांग्रेस के कई नेता कतार में हैं। पार्टी इस पद पर नियुक्ति भी अलवर शहर की सोशल इंजीनियरिंग के तहत ही करने के प्रयास में हैं। इस बार यूआईटी चेयरमैन पद वैश्य वर्ग के खाते में जाने की संभावना जताई जा रही है। इस वर्ग के प्रमुख दो-तीन नेताओं के नाम इस पद के लिए चर्चा में हैं। वैसे अन्य वर्गों के भी कुछ नेता प्रयासरत हैं।
Published on:
04 Jan 2022 02:39 am
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