Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बजरी माफियाओं का बढ़ता जाल, पुलिस प्रशासन हो रहा निहाल

अलवर में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत : हो रहा बजरी का अवैध कारोबारजिले में आसपास के ठिकानों सहित बांदीकुई और बनास से भी लाई जा रही बजरी

2 min read
Google source verification
बजरी माफियाओं का बढ़ता जाल, पुलिस प्रशासन हो रहा निहाल

बजरी माफियाओं का बढ़ता जाल, पुलिस प्रशासन हो रहा निहाल


अलवर. भरतपुर और धौलपुर के साथ ही अलवर में भी बजरी माफियाओं ने बड़ा जाल बिछा लिया है। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यहां बड़े स्तर पर बजरी का अवैध कारोबार चल रहा है। रोजाना सैकड़ों ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली बजरी अवैध खनन कर अलवर में लाई जा रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बंधी में बंधे हुए हैं और बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें पूरा संरक्षण दे रहे हैं।
अलवर जिले में बानसूर इलाके में मात्र एक बजरी की लीज है, जो कि पिछले काफी सालों से बंद पड़ी थी। अब यह लीज फिर से शुरू होने की प्रक्रिया है, लेकिन अलवर जिले में बजरी का संकट कभी नहीं रहा। जिले में दर्जनों बजरी माफिया सक्रिय हैं जो कि अलवर जिले में साबी नदी, सोहनपुर नदी, बारां बीयर, नटनी का बारां, एमआइए क्षेत्र, बानसूर, बहरोड़ और भिवाड़ी आदि इलाकों से अवैध खनन कर बजरी ला रहे हैं। इसके अलावा कई बजरी माफियाओं ने बांदीकुई और बनास आदि में भी बजरी की सेङ्क्षटग की हुई है। वहां से बड़े ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर अवैध रूप से बजरी ला रहे हैं। यह अवैध कारोबार पिछले कई सालों से बदस्तूर जारी है, लेकिन पुलिस, प्रशासन और खनन विभाग छुटपुट कार्रवाई कर इतिश्री करने में लगा है। अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ अलवर में आज तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
बजरी की किल्लत दिखा, मोटी चांदी कूट रहे : बजरी माफिया अलवर जिले में बजरी की किल्लत दिखा मोटी चांदी कूटने में लगे हैं। बजरी माफिया लोकल बजरी 35 रुपए प्रति फीट तथा बनास की बजरी 65 से 70 रुपए प्रति फीट के हिसाब से बेच रहे हैं। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में 100 फीट बजरी बताकर बेचते हैं, लेकिन इसमें भी बेईमानी कर 90 फीट बजरी ही निकलती है।

जगह-जगह सड़कों पर बनाए अवैध ठिकाने
बजरी माफिया बड़े गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं। शहर में विजय नगर मैदान, धोबीगट्टा, दशहरा मैदान के समीप, नयाबास रोड सहित जिले में जगह-जगह बजरी माफियाओं ने अपने अवैध ठिकाने बनाए हुए हैं। यहां खाली ग्राउंड में बजरी के ढेर लगाए हुए हैं तथा बजरी से भरे ट्रक व ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े रहते हैं। बजरी माफिया सरकारी बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर लाखों रुपए कमा रहे हैं और सरकार के खजाने में कुछ नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं खुलेआम शहर के बीचों-बीच बैठकर बजरी का अवैध कारोब

थाने-चौकियों के आगे से निकलते हैं बेखौफार कर रहे माफियाओं पर पुलिस और प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कस रहा है।
बजरी माफियाओं की पुलिस और खनन विभाग में पूरी सेङ्क्षटग है। हर बजरी माफिया की ओर से मोटी बंधी दी जा रही है। जिसके चलते बजरी माफिया पुलिस और खनन विभाग की कार्रवाई के डर से बेखौफ है। अलवर जिले में हालात यह हैं कि बजरी के ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस थाने और चौकियों के आगे से बेखौफ होकर निकलते हैं। बजरी के अवैध ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली जिस थाने या चौकी के आगे से गुजरती है वहां बंधी पहले से ही सेट रहती है। जिसके चलते थाना या चौकी पुलिस उन्हें देखकर भी अनदेखा कर देती है।

&बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की हुई है। जिसमें पुलिस, प्रशासन खनन, वन और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम शामिल है। अवैध बजरी खनन और परिवहन की सूचना मिलने पर एसआईटी की ओर से नियमित रूप से कार्रवाई जारी है।
तेजस्वनी गौतम, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।