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सरिस्का में प्रवासी पक्षियों के आने से वन्य क्षेत्र में लौटी रौनक

सर्दियों की शुरुआत के साथ सरिस्का टाइगर रिज़र्व का आसमान प्रवासी पक्षियों से गुलजार हो गया है। स्वस्थ वन पारिस्थितिकी का प्रमुख संकेतक माने जाने वाले सरिस्का में इन दिनों दूर-दराज देशों से आने वाली पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा रही हैं।

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सर्दियों की शुरुआत के साथ सरिस्का टाइगर रिज़र्व का आसमान प्रवासी पक्षियों से गुलजार हो गया है। स्वस्थ वन पारिस्थितिकी का प्रमुख संकेतक माने जाने वाले सरिस्का में इन दिनों दूर-दराज देशों से आने वाली पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा रही हैं। रिज़र्व में 272 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें 57 प्रवासी प्रजातियां शामिल हैं। सिलीसेढ़, कर्णकवास, मानसरोवर, हनुमान सागर और किरास्का जैसे जल स्रोत विदेशी पक्षियों के लिए प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं।


इस मौसम में मध्य एशिया से बार-हेडेड गूज, मंगोलिया से रड्डी शेलडक, दक्षिण अफ्रीका से जैकोबिन कोयल, चीन और मालदीव से लेसर व्हिसलिंग डक, यूरोप से गार्गनी, साइबेरिया से कॉमन टील तथा यूरोप, कजाकिस्तान और तिब्बत से नॉर्दर्न पिंटेल की आमद दर्ज की गई है।

32 प्रजातियों के पक्षी

इसके साथ ही, सरिस्का में 32 प्रजातियों के रैप्टर्स जिनमें क्रेस्टेड सर्पेट ईगल, बोनैलीज़ ईगल, शिकरा और व्हाइट-आइड बज़र्ड प्रमुख हैं और आसमान में मंडराते देखे जा रहे हैं। नवंबर से फरवरी का समय बर्डवॉचिंग के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दौरान सरिस्का पक्षी और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनोखा और मनमोहक अनुभव प्रदान करता है।