
नौगांवा. सरकारी विद्यालयों में नवीन सत्र शुरू हुए करीब आधे माह से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन शिक्षा विभाग में स्कूलों की कुण्डली माने जाने वाला शिविरा पंचांग का कोई अता-पता नहीं है। गौरतलब है कि शिविरा पंचांग के माध्यम से ही सत्र प्रारम्भ होने के बाद विद्यालयों में शिक्षण गतिविधियों, अवकाश, परीक्षाओं और अन्य शैक्षिक कार्यक्रमों के समावेश के साथ विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए पूरा खाका तैयार रहता है। इस वर्ष शिक्षण सत्र का जुलाई माह आधे से भी ज्यादा समाप्त होने को है, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने शिविरा पंचांग जारी नहीं हुआ है। ऐसे में हजारों विद्यालयों में शिक्षकों को विद्यालय संचालन के लिए रोजाना कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग के जानकारों का मानना है कि विभाग ने गत सत्र 2023-24 का कैलेंडर 22 जून 2023 को जारी कर दिया था, लेकिन इस बार एक जुलाई को स्कूल खुलने के बाद एक पखवाड़ा हो गया है। आरोप है कि शिक्षा विभाग फिलहाल पौधरोपण में ही उलझा हुआ है। ऐसे में विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्थाएं बे-पटरी हो रही है। शिक्षकों का कहना है कि
शिविरा पंचांग शिक्षा विभाग की रीढ की हड्डी है। यह सत्र की शुरुआत से पहले ही जारी होना चाहिए। इससे शिक्षकों को पूरे सत्र की गाइडलाइन मिल जाए। अब शिक्षकों को पता ही नहीं है कि कब क्या करना है।
राजकीय विद्यालयों में अमूमन अगस्त में विद्यार्थियों की प्रथम परख परीक्षा आयोजित होती है, लेकिन इस वर्ष अब तक शिविरा पंचांग नहीं आने से इस मूल्यांकन को लेकर विद्यालयों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शिक्षकों को मूल्यांकन के हिसाब से ही सिलेबस पूरा कराना होता है। ऐसे में अध्यापक किस प्रकार सिलेबस की तैयारी बच्चों को कराए। जिला शिक्षा अधिकारी अलवर नेकीराम का कहना है कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी स्कूलों के शिक्षण समय में बढोतरी अथवा अवकाश में कमीं को लेकर कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं, जिसके कारण शिविरा पंचांग में देरी हो रही है। जल्द ही शिविरा पंचांग जारी होने की संभावना है।
Updated on:
21 Jul 2024 11:57 pm
Published on:
21 Jul 2024 11:56 pm
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