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रूपारेल नदी में सैकड़ों मछलियां मरी, बदबू की वजह से वातावरण हो रहा दूषित

आलम यह है कि हवा के साथ मरी हुई मछलियों की बदबू आसपास के गांव तक पहुंच जाती हैं। जिससे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। मछलियों का निस्तारण करने एवं बांध में बची शेष मछलियों को बचाने के लिए न तो सरकार ध्यान दे रही है और न ही कोई विभाग।

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अलवर

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mohit bawaliya

Jun 18, 2023

रूपारेल नदी में सैकड़ों मछलियां मरी, बदबू की वजह से वातावरण हो रहा दूषित

नदी में मरी पड़ी मछलियां।

अलवर. नटनी का बारा स्थित रूपारेल नदी में सैकड़ों की तादाद में मछलियां काल का ग्रास बन गई है। अज्ञात कारणों के चलते बड़ी तादाद में रूपारेल नदी में मृत मछलियां पड़ी हुई है। जिसके कारण पानी भी प्रदूषित हो रहा है।
वन्यजीव यहां पानी पीने आते हैं। वहीं पर्यटक स्थल होने के कारण पर्यटकों की भीड़ रहती है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। ना ही कोई सुध ले रहा है । जिसमें अधिक समस्या नदी के पानी में गंदगी हो रही है। पानी में जलकुंभी की वजह से जल जीवों को अधिक परेशानी हो रही है। आलम यह है कि हवा के साथ मरी हुई मछलियों की बदबू आसपास के गांव तक पहुंच जाती हैं। जिससे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। मछलियों का निस्तारण करने एवं बांध में बची शेष मछलियों को बचाने के लिए न तो सरकार ध्यान दे रही है और न ही कोई विभाग।

पानी का बहाव भी अवरुद्ध हो रहा है। स्थानीय निवासी दयाराम गुर्जर, घूमने आए लक्ष्मणगढ़ से साहिल खान आदि ने बताया कि नटनी का बारा रूपारेल नदी के पानी में बड़ी संख्या में मोटी-मोटी और लंबी-लंबी मछलियां मरी हुई है। जिसके कारण चारों ओर बदबू होने से वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। लोगों ने मांग की कि संबंधित विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यहां साफ सुथरा वातावरण होना चाहिए और बड़ी तादाद में जो मछलियां मर रही है इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। अलवर जिले की यही एक मात्र जीवित नदी है, जो यहां निरंतर वर्षभर पानी बहता है। अलवरवासी इसे गंगा भी कहते हैं, लेकिन यहां की स्थिति खराब हो रही है।