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सुविधाएं मिले तो आगे बढ़े खिलाड़ी, खेल मैदान हो तो निखरे प्रतिभाएं

क्षेत्र में खेल मैदान नहीं होने से प्रतिभाएं दबकर रह गई।

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गोविन्दगढ़. क्षेत्र में खेल मैदान नहीं होने से प्रतिभाएं दबकर रह गई। खेल मैदान के अभाव में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा हैं। क्षेत्र में कोई ऐसा मैदान भी नहीं है, जहां सुबह-शाम युवा अभ्यास कर सके।खेल से जुड़े जानकारों का कहना हैं कि क्षेत्र में अनेक खेल प्रतिभाएं हैं। यहां खेल मैदान हो तो प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिले। सरकार खेलों इंडिया के नाम से चाहे कितने भी दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत पर ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं है। मैदान नहीं होने के बाद भी युवा खिलाड़ियों ने जिला स्तर और राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सैकड़ों बुजुर्ग महिला, बच्चे भी सुबह और शाम को सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं।पार्क का अभाव

स्थानीय निवासियों ने बताया कि सरकारी कॉलेज के पीछे पहले खेल का बड़ा मैदान है, जहां सुबह शाम बच्चे खेल सकते हैं। कई खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो सकती है, लेकिन 6 से 7 वर्षों से खेल मैदान का विकास कार्य रुका हुआ है। जिसके चारों तरफ कटीली झाड़ियां और घास खड़ी है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़क पर सैर करते समय पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन खेल मैदान या पार्क के अभाव में सड़क पर सैर करना मजबूरी बन गई है। ग्रामवासियों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार से खेल मैदान व पार्क विकसित करने की मांग की है।