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सत्रांक और बोर्ड परीक्षा के अंकों में 50 प्रतिशत से ज्यादा अन्तर हुआ तो होगी कार्रवाई, रहेगी शिक्षा विभाग की पैनी नजर….पढ़ें यह न्यूज

निजी और सरकारी विद्यालयों की ओर से विद्यालय के बोर्ड परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए भेजे जा रहे सत्रांक अंकों पर अब विभाग की पैनी नजर रहेगी। ऐसे में अगर सत्रांकोंं में भेजे जा रहे अंकों और बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों में 50 प्रतिशत से ज्यादा अन्तर हुआ तो विद्यालयों एवं संस्था प्रधानों को कार्रवाई का सामना करना पड सकता है।

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नौगांवा. निजी और सरकारी विद्यालयों की ओर से विद्यालय के बोर्ड परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए भेजे जा रहे सत्रांक अंकों पर अब विभाग की पैनी नजर रहेगी। ऐसे में अगर सत्रांकोंं में भेजे जा रहे अंकों और बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों में 50 प्रतिशत से ज्यादा अन्तर हुआ तो विद्यालयों एवं संस्था प्रधानों को कार्रवाई का सामना करना पड सकता है।

गौरतलब है कि गत कई वर्षो से अधिकतर विद्यालय बोर्ड परीक्षा में अध्यनरत सभी बच्चों के अच्छे परिणाम के लिए सत्रांक पूरे में से पूरे भेजते आ रहे थे। ऐसे में होता यह था कि सत्रांक के अंक पूरे में से पूरे होते थे और बोर्ड परीक्षा में उनके अंक बहुत कम हासिल होते थे, जिससे विद्यालयों की सत्रांक भेजने की प्रक्रिया बोर्ड में संदेह पैदा कर रही थी। अब विभाग इस पर शिकंजा कसने जा रहा है।

यह है बोर्ड परीक्षा में सत्रांक का प्रावधान

कक्षा 10 और 12 के लिए बोर्ड परीक्षा में सैद्वान्तिक और प्रायोगिक अंक विद्यालय स्तर के सत्रांक निर्धारण का उल्लेख है। इनमें गैर प्रायोगिक विषय परीक्षाओं में बोर्ड की अंतिम परीक्षा के अंक के 20 प्रतिशत तथा प्रायोगिक विषयों के लिए प्रायोगिक परीक्षा के अंक कम करने के बाद शेष अंक के 20 प्रतिशत सत्रांक का प्रावधान है। इन सत्रांक के 20 अंकों का विभाजन विद्यालय स्तर पर होने वाले तीन टेस्ट एवं अद्र्धवार्षिक परीक्षा के कुल अंकों के 10 प्रतिशत इस सत्रांक के रूप में सम्मिलित होते हैं, जो बोर्ड परीक्षा के कुल अंक के 10 प्रतिशत होंगे। पांच प्रतिशत अंक प्रोजेक्ट कार्य के होते हैं। 3 प्रतिशत अंक विद्यार्थी की उपस्थिति के होते हैं। इन सत्रांकों में दो प्रतिशत अंक व्यवहार एवं अनुशासन के होते हैं जो की विषय अध्यापक द्वारा विद्यार्थी के सत्र पर्यन्त व्यवहार एवं अनुशासन के आधार पर दिए जाते हैं।

3 वर्षो तक सुरक्षित रखनी होगी अद्र्ववार्षिक और परख परीक्षा की उत्तरपुस्तिका

विभागीय निर्देशों के अनुसार संस्था प्रधान द्वारा हर परीक्षा व परख के बाद प्रत्येक विषय के 2 प्रतिशत की उत्तर पुस्तिकाओं की मिलान एवं जांच कर इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा कि उनके द्वारा यह सैंपल जांच कर ली गई है। 3 वर्षों तक अद्र्धवार्षिक और परख की कॉपियों को सुरक्षित रखी जाएगी, जिसे उस जिले की डाइट स्टाफ की ओर से कभी भी जाकर जांच किया जा सकता है। सत्रांक के अंतिम अग्रेषण से पूर्व संस्था प्रधान की ओर से उसी पीईईओ परिक्षेत्र से एक अन्य शिक्षक लगाए जाएं, जो अंकों का मिलान कर, विषयाध्यापक के साथ एक हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र दे कि परख एवं अद्र्धवार्षिक परीक्षा के अंकों के साथ बोर्ड को प्रेषित अंकों से मिलान कर लिया गया है।

माने जाएंगे संदिग्ध

ऐसे प्रकरण जहां तीनों परख एवं अद्र्धवार्षिक परीक्षा के प्राप्त अंकों के प्रतिशत तथा बोर्ड परीक्षा के अंक प्रतिशत के मध्य 50 प्रतिशत से अधिक अन्तर होगा, वे संदिग्ध माने जाएंगे एवं संस्था प्रधान को उक्त का तार्किक कारण स्पष्ट करना होगा। कारण सही न होने पर विभागीय कार्यवाही की जा सकेगी। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अलवर मुकेश किराड के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। निदेशक महोदय के निर्देशों के अनुसार विद्यालय बोर्ड परीक्षा के सत्रांक भेजने में पारदर्शिता रखें, अगर सत्रांकों में अनियमितता पाई जाती है तो विभाग के नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।