चुनाव चाहे कोई भी हो। हर कोई जीत के लिए मैदान में आता है। ये जीत नजदीक पहुंचकर यदि हार में बदल जाए तो उससे धक्का बड़ा लगता है लेकिन इस रोमांचक मुकाबले में जनता को आनंद आता है। क्योंकि वह तालियां बजाती है और नेताओं में घमासान चलता है। यहां भी पिछले विधानसभा चुनावों की मतगणना के दौरान यही हुआ। कई नेता जीत के करीब पहुंचकर हार गए। जीत पर माला पहनाने वाले समर्थकों को मायूस लौटना पड़ा।
विधानसभा चुनाव : प्रत्याशी जीत के नजदीक पहुंचकर नहीं पहन पाए 'हार', वोटों का मार्जिन था कम
- वर्ष 2013 में राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ और थानागाजी में प्रत्याशियों को आखिरी राउंड में ही जीत-हार का लग पाया पता
- वर्ष 2018 में तिजारा, बहरोड़ विधानसभा से भी यही हाल, काफी कम वोटों से हुई जीत-हार, इस बार भी आरपार
चुनाव चाहे कोई भी हो। हर कोई जीत के लिए मैदान में आता है। ये जीत नजदीक पहुंचकर यदि हार में बदल जाए तो उससे धक्का बड़ा लगता है लेकिन इस रोमांचक मुकाबले में जनता को आनंद आता है। क्योंकि वह तालियां बजाती है और नेताओं में घमासान चलता है। यहां भी पिछले विधानसभा चुनावों की मतगणना के दौरान यही हुआ। कई नेता जीत के करीब पहुंचकर हार गए। जीत पर माला पहनाने वाले समर्थकों को मायूस लौटना पड़ा।
इस तरह फंसा रहा चुनाव, बढ़ती गई धड़कनें
वर्ष 2013 के आंकड़ों को देखें तो थानागाजी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हेम सिंह भड़ाना और एनपीपी उम्मीदवार कांति प्रसाद के बीच चुनाव फंसा था। मतगणना के आखिरी चरण तक जीत-हार का पता नहीं लग पाया। दोनों ही उम्मीदवारों के समर्थकों की फूलमालाएं कभी मुरझा रही थीं तो कभी फूल खिल रहे थे। आखिर में भाजपा उम्मीदवार को 3732 वोटों से जीत मिली। इसी तरह रामगढ़ विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार ज्ञानदेव आहूजा और कांग्रेस उम्मीदवार जुबेर खान के बीच सीट फंसी थी। शुरूआती मतगणना में तो दोनों ही पार्टियों के समर्थक तालियां बजाते हुए आगे बढ़ रहे थे लेकिन आखिरी चरण मतगणना का आया तो सभी की धड़कनें बढ़ गईं। आखिर में भाजपा उम्मीदवार को 4647 वोटों से जीत मिली। राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से एनपीपी की उम्मीदवार गोलमा ने सपा उम्मीदवार सूरजभान धानका को 8128 वोटों से हराया था।
समर्थकों के चेहरे कभी खिले तो कभी मुरझाए
इसी तरह वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में तिजारा सीट से बसपा उम्मीदवार संदीप यादव चुनावी मैदान में थे और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार दुरूर् मियां को 4457 वोटों से शिकस्त दी। ये चुनाव भी आखिरी चरण तक फंसा रहा। मतगणना के दौरान समर्थकों के चेहरे कभी मुरझाते नजर आए तो कभी खिलते हुए दिखे। इसी तरह बहरोड़ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी बलजीत यादव ने कांग्रेस के आरसी यादव को 3836 वोटों से हराया। यहां भी मतगणना का मुकाबला रोमांचक रहा। किशनगढ़बास से बसपा उम्मीदवार दीप चंद खेरिया ने भाजपा के रामहेत सिंह यादव को 9916 वोटों से हराया।