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रंग बिरंगे कपड़ों की बजाय अब एक ही रंग की ड्रेस में नजर आएंगे आंगनबाड़ी के बच्चे

राज्य में 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ रहे है करीब 2 लाख बच्चे  

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रंग बिरंगे कपड़ों की बजाय अब एक ही रंग की ड्रेस में नजर आएंगे आंगनबाड़ी के बच्चे

रंग बिरंगे कपड़ों की बजाय अब एक ही रंग की ड्रेस में नजर आएंगे आंगनबाड़ी के बच्चे

बहरोड़. आंगनबाड़ी केंद्रों पर रंग बिरंगी ड्रेस में नजर आने वाले तीन से छह साल के बच्चे अब एक ही रंग की ड्रेस में नजर आने वाले है। इसके लिए विभाग की ओर से बच्चों को दो रेडीमेड ड्रेस वितरित की जाएगी।

जानकारी के अनुसार महिला व बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को दो-दो रेडीमेड ड्रेस वितरित की जाएगी। इसके लिए ड्रेस जल्द ही सीडीपीओ कार्यालय में पहुंचने वाली है। अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले तीन से छह साल के बच्चों के लिए कोई भी ड्रेस कोड निर्धारित नहीं किया गया था।

वहीं राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस निःशुल्क दी जा रही है। उसके बाद अब राज्य सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी पढ़ाई करने वाले बच्चे एक निर्धारित ड्रेस कोड में नजर आएंगे। इसके लिए यह योजना लागू की गई है। वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ाई करने वाले बच्चें घर से विभिन्न रंग बिरंगी ड्रेस पहन कर आते है लेकिन जल्द ही वह एक रंग की ड्रेस पहने हुए नजर आएंगे।

बहरोड़ सीडीपीओ सुधीर यादव ने बताया कि विभाग की ओर से राज्य के 62 हजार केन्द्रों पर 2 लाख बच्चों तथा बहरोड़ में 205 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले करीब 4 हजार बच्चों को दो- दो रेडीमेड ड्रेस उपलब्ध करवाई जा रही है। जल्द ही कार्यालयों को यह ड्रेस मिलने वाली है।

इसके बाद यह ड्रेस बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ाई करने वाले तीन से छह साल के बच्चों के लिए कोई भी ड्रेस कोड निर्धारित नहीं किया गया था लेकिन अब सभी बच्चें एक ही रंग की ड्रेस में नजर आएंगे।