
जानिए कौनसा महीना है जिसमें जेष्ठ पुत्र पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए
अलवर. वैशाख पूर्णिमा के साथ ही वैशाख मास का समापन हो गया हैं। 6 मई से जेष्ठ मास का आरंभ हो गया और समापन 4 जून रविवार को होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री ने बताया कि जेष्ठ मास में जेष्ठ पुत्र पुत्री का विवाह, मुंडन संस्कार ग्रह प्रवेश आदि नही किया जाता है।
ये रहेंगे आगामी व्रत व त्योहार
8 मई को एकदंत संकटी चतुर्थी, 15 मई को वृषभ सक्रांति व अपरा एकादशी व्रत, 17 मई को प्रदोष व्रत, 19 मई वट सावित्री व्रत, जेष्ठ अमावस्या, शनै जयंती, 22 मई को महाराणा प्रताप जयंती, 23 मई को विनायक चतुथीZ, 25 मई गुरु पुष्य नक्षत्र, नाेतपा आरंभ,28 धूमावती जयंती, 29 मई महेश नवमी, 30 गंगा दशहरा,31 निर्जला एकादशी व्रत, 1 जून प्रदोष व्रत,2 नो तपा समाप्त, 3 जेष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा रहेगा।
जेष्ठ पुत्र पुत्री का विवाह करना श्रेष्ठ नहीं
ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री ने बताया कि जेष्ठ मास में जेष्ठ पुत्र पुत्री का विवाह, मुंडन संस्कार ग्रह प्रवेश आदि नही किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र लोक परंपरा के अनुसार जेष्ठ मास जेष्ठ पुत्र पुत्री के लिए शुभ कार्य करना श्रेष्ठ नही बताया गया है। यह मास मई व जून के बीच आता है। इस मास में गर्मी अधिक पड़ती है इसलिए जल के दान का बहुत महत्व होता है। गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी पर जल का दान किया जाता है।
जेष्ठ मास में वैवाहिक शुभ मुहूर्त
मई माह में 10, 11, 12, 16, 21, 22, 26, 27, 28, 29, 30, 31
जून में 1, 3, 4
Published on:
08 May 2023 12:23 pm
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