scriptकाम छोड़ अभियान में आए, फिर भी पट्टों की आस अधूरी | Left the work and came to the campaign, yet the hope of leases remaine | Patrika News

काम छोड़ अभियान में आए, फिर भी पट्टों की आस अधूरी

locationअलवरPublished: Nov 25, 2021 05:48:07 pm

Submitted by:

Pradeep

अभियान के शिविरों में ज्यादातर ब्लॉक योजनाओं का लाभ दिलाने में पिछड़ेप्रशासन गांवों के संग अभियान में साढ़े छह हजार पट्टे ही बंट पाए

काम छोड़ अभियान में आए, फिर भी पट्टों की आस अधूरी

काम छोड़ अभियान में आए, फिर भी पट्टों की आस अधूरी

प्रदीप यादव
अलवर. जिले में कई हजार परिवारों को अपने मकान का मालिक बनने का लंबे समय से इंतजार है, राज्य सरकार की ओर से प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविर लगाए तो ग्रामीण अपना रोजमर्रा का काम छोड़ मकान मालिक बनने के लिए जमीन का आवासीय पट्टा लेने आए, लेकिन यहां भी पट्टे की आस पूरी नहीं हो पाई। स्थिति यह है कि गत सोमवार तक जिले में विभिन्न ग्राम पंचायतों में 147 शिविर लग चुके हैं, लेकिन उनमें आवासीय पट्टे सिर्फ 6531 ही आवंटित हो पाए हैं, जबकि जिले में राजस्व गांवों की संख्या 2 हजार से ज्यादा है, यानि प्रति गांव अब तक औसतन तीन पट्टे बंट पाए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय पट्टा वितरण के लिए सरकार ने गत 9 नवम्बर से अलवर जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविरों का आयोजन किया है। अब गत सोमवार तक जिले में 147 शिविर सम्पन्न हो चुके हैं, लेकिन लोगों को आवासीय पट्टा वितरण की गति बेहद धीमी है। जिले के 16 ब्लॉक में केवल चार की स्थिति संतोषजनक रह पाई है। इनमें भी केवल राजगढ़ ब्लॉक ही अब तक एक हजार से ज्यादा पट्टा वितरित करने में सफल रहा है, वहीं रैणी, तिजारा व कठूमर ही 500 पट्टों का आंकड़ा छू पाया है। शेष ब्लॉकों की प्रगति निराशाजनक रही है।
चेतावनी के बाद भी नहीं आ रहा सुधार
प्रशासन गांवों के संग अभियान में आवासीय पट्टा वितरण की गति बढ़ाने को लेकर संभागीय आयुक्त से लेकर जिला कलक्टर तक कई बार कार्रवाई की चेतावनी दे चुके, लेकिन ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि जिला कलक्टर कम प्रगति वाले विकास अधिकारियों एवं उपखंड अधिकारियों को सख्त कार्रवाई की हिदायत दे चुके, लेकिन पट्टा वितरण की गति में सुधार नहीं हुआ।
ज्यादातर एसडीओ शिविरों की प्रगति में पिछड़े
प्रशासन गांवों के संग अभियान में विभिन्न कार्यों की प्रगति में ज्यादातर ब्लॉकों के एसडीओ अब तक पिछड़े रहे हैं। राजस्व अभिलेख, खाता शुद्धिकरण में तीन, आबादी आवास, भूमि आवंटन में दो, आपसी सहमति से खाता विभाजन में तीन, रास्ता प्रकरण में तीन, भूमिहीन किसानों को भूमि आवंटन में तीन, नामांतरकरण में तीन, नए राजस्व गांवों के प्रस्ताव में तीन, सीमाज्ञान, पत्थरगढ़ी के प्रकरण में तीन, सहमति से पैतृक भूमि के लंबित वाद निस्तारण में भी तीन एसडीओ की प्रगति संतोष जनक रही, शेष को अपनी प्रगति में सुधार की जरूरत है, वहीं ज्यादातर की प्रगति खराब आंकी गई है।
राजगढ़ अव्वल, बहरोड़ ब्लॉक फिसड्डी
आवासीय पट्टा देने वाले ब्लॉकों में राजगढ़ 1010 पट्टों के साथ पहली रेंक पर है, वहीं रैणी 710 के साथ दूसरी, तिजारा 591 के साथ तीसरी रेंक पर हैं। वहीं कठूमर में 502, लक्ष्मणगढ़ में 467, थानागाजी में 455, बानसूर में 436, कोटकासिम में 430, रामगढ़ में 343, मुण्डावर में 341, किशनगढ़बास में 324, गोविंदगढ़ में 295, नीमराणा में 252, मालाखेड़ा में 142, उमरैण में 122 व बहरोड़ में 111 पट्टे ही वितरित हुए हैं। अब तक जिले में 6531 पट्टे वितरित किए गए हैं।
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