अलवर

सुभद्रा व बलभद्र संग नगर भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ, रथ खींचने की मची होड़

शहर में निकली रथयात्रा में उमड़े श्रद्धालु, हरे रामा हरे कृष्णा से गूंजा शहर

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Jun 30, 2025

अलवर. उड़ीसा के जगन्नाथपुरी की तर्ज पर अलवर में पहली बार रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। भक्तों में प्रभु के रथ को हाथों से खींचने की होड़ मची। पूरा शहर हरे रामा हरे कृष्णा के जयकारों से गूंजा। रथयात्रा को देखने के लिए शहरवासी उमड़े। इस दौरान वनमंत्री संजय शर्मा ने भी झाडू लगाकर मार्ग को साफ किया। इस दौरान इंद्रदेव ने भी भगवान का बारिश से अभिषेक किया। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ-इस्कॉन अलवर के ओर से आयोजित इस रथयात्रा की शुरुआत पुलिस लाइन से की गई। बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ भगवान जगन्नाथ को वृंदावन से लाए गए विशेष रथ में विराजमान करने के बाद श्रृंगार किया गया। इसके बाद वन मंत्री संजय शर्मा ने पूजा अर्चना की और रथ के आगे सफाई कर रथयात्रा को रवाना किया। भगवान जगन्नाथ के रथ को रस्सियों के सहारे भक्त हाथों से खींच रहे थे। अभी तक अलवर में भगवान जगन्नाथ व जानकी मैया की ही रथयात्रा निकलती है जिसमें भगवान विष्णु व लक्ष्मी मैया के रूप में होते हैं यह पहला मौका था जिसमें भगवान जगन्नाथ उड़ीसा में निकलने वाली जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ शहर भ्रमण को रथयात्रा के रूप में निकले थे। इस दौरान रथ में श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा को भी विराजमान किया गया।

कीर्तन और नृत्य करते चल रहे थी इस्कॉन मंडली
रथयात्रा के दौरान पूरा शहर हरे रामा हरे कृष्णा से गूंज उठा। पीत वस्त्र पहने वृंदावन से आई इस्कॉन की मंडली ने संगीतमय वाद्यों के साथ संकीर्तन करती हुई रथयात्रा के साथ चल रही थी। छोटे बच्चे व युवा हाथों में ध्वज पताका लिए हुए चल रहे थे। पूरे रास्ते पुष्पवर्षा कर रथयात्रा का स्वागत किया।
शिखर को किया ऊपर-नीचे
वृंदावन से लाया गया यह रथ विशेष् प्रकार का था, जिसमें ऊपर लगे शिखर को आवश्यकतानुसार ऊपर नीचे किया जा सकता है। इसे दिल्ली से लाए गए फूलों से सजाया गया था। खासतौर से कमल पुष्प लगाए गए थे। इस दौरान प्रसाद लेने के लिए भी भक्त उमड़ पडे। वृंदावन से आए भक्तों की टोली भी आकर्षण का केंद्र बनी रही।
होपसर्कस पर हुई महाआरती
यह रथयात्रा पुलिस कंट्रोल रूम से प्रारंभ होकर होप सर्कस, घण्टा घर, पंसारी बाजार, नगर निगम, मन्नी का बड़, नंगली सर्किल होते हुए रिवाज रिसोर्ट में पहुंची। इस दौरन होपसर्कस पर महाआरती की गई। यहां बड़ा मंच बनाया गया था। संयुक्त व्यापार महासंघ की ओर से भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।
ठाकुरजी की महिमा का प्रचार ही हमारा उद्देश्य: परंपरा एक है लेकिन तरीका अलग अलग है। हम वैष्णव है हम ठाकुर जी की पूजा करते हैं। हमारा एक ही उद्देश्य है ठाकुर जी की महिमा फैलाना। रथयात्रा के जरिए , दर्शन के जरिए, कथा के जरिए। इस्कॉन का यही उद़देश्य है। पूरे इंडिया में 300 जगह यह आयोजन हो रहा है। पहली बार रथयात्रा में भक्तों को उत्साह अच्छा मिला है। अलवर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भी हम शामिल होंगे और कीर्तन करेंगे।
श्रद्धालु हुए भक्ति से सराबोर
रथयात्रा प्रारंभ होने से पूर्व दिन में तेज वर्षा हुई। इससे भक्तों को गर्मी से राहत मिली और मौसम खुशनुमा हो गया। इससे रथयात्रा में शामिल होने का उत्साह दोगुना हो गया। शाम को जैसे ही रथयात्रा प्रारंभ हुई तो उस दौरान भी हल्की बरसात से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया तो श्रद्धालु भी भक्तिभाव से भर उठे। भक्तों ने दोनों हाथ उठाकर इंद्रदेव का धन्यवाद किया।

Published on:
30 Jun 2025 12:57 am
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