अलवर जिले में दो शहीद सैनिक आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से अब तक अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है। इनमें से एक प्रकरण जिला कलक्टर कार्यालय अलवर और दूसरा खनिज अभियंता, खान एवं भू विज्ञान विभाग अलवर में लम्बित चल रहा है। इसी प्रकार शहीद आश्रित एवं गैलेंट्री अवार्ड धारकों को कृषि भूमि आवंटन के दो प्रकरण लम्बित हैं। दो शहीद आश्रितों को कृषि भूमि आवंटन के प्रकरण जिला कलक्टर कार्यालय अलवर और उपनिवेशन विभाग बीकानेर में बरसों से अटका हुआ है। वहीं, सात गैलेंट्री अवार्ड धारकों को कृषि भूमि का आवंटन नहीं हो पाया है। इन सभी के प्रकरण जिला कलक्टर कार्यालय में लम्बित हैं।
शहीदों के नाम विद्यालय नामकरण तक नहीं कई शहीद सैनिकों के नाम पर विद्यालयों के नामकरण के लिए कई सैनिक परिवार सरकारी कार्यालयों में भटक रहे हैं। अलवर जिले में 26 शहीद सैनिक ऐसे हैं, जिनके नाम पर अब तक विद्यालयों का नामकरण तक नहीं हो पाया है। इनमें 11 प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा और 15 प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक अलवर में लटके हुए हैं।
इन शहीदों की मूर्ति तक नहीं लगी वैसे तो अलवर की माटी के दर्जनों सपूत ऐसे हैं, जो देश की खातिर कुर्बान हो गए। इनमें से तीन सपूत ऐसे हैं जिनके सम्मान में जिला प्रशासन ने मूर्ति स्थापना के लिए भूमि तक आवंटित नहीं की है। बहरोड़ के तसींग गांव के शहीद बजरंग सिंह राघव, अलवर के ग्राम सीरावास के शहीद मेहरचंद और किशनगढ़बास के माचरोली के शहीद वीरेन्द्र सिंह यादव की मूर्ति स्थापना के लिए अभी तक जिला प्रशासन ने जमीन नहीं दी है। वहीं, कई शहीद ऐसे हैं जिनका शहीद स्मारक पर नाम तक अंकित नहीं है।
जल्द होगा निस्तारण जिला सैनिक कल्याण कार्यालय अलवर में शहीद सैनिक और गैलेंट्री अवार्ड धारकों के जो भी प्रकरण लम्बित हैं। उनके निस्तारण के लिए जिला कलक्टर ने हाल ही में जिला सैनिक बोर्ड की बैठक ली थी, जिसमें सभी लम्बित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने का आश्वासन दिया गया है।
– कर्नल हरेन्द्र सिंह, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, अलवर।