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अलवर में 13 वर्षीय मासूम बच्ची की पिटाई से मौत! परिजनों का आरोप- हमारी बेटी को मारा, लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं की FIR

अलवर में एक बच्ची की पिटाई से मौत का मामला सामने आया है, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी एफआइआर दर्ज नहीं की।

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अलवर

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Lubhavan Joshi

Sep 16, 2019

Minor Girl Death Due To Beating In Alwar

अलवर में 13 वर्षीय मासूम बच्ची की पिटाई से मौत! परिजनों का आरोप- हमारी बेटी को मारा, लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं की FIR

अलवर. अलवर शहर के स्कीम-10 शेख वाला कुआं निवासी एक बालिका की रविवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजन बालिका की मारपीट के कारण मौत होने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि पुलिस बीमारी के कारण मौत होना बता रही है। पुलिस ने मृतका पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है। वहीं, मृतका की मां की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर
दी है।
जानकारी के अनुसार स्कीम-10 शेख वाला कुआं निवासी संतोष सैनी पत्नी नरेन्द्र सैनी ने 9 सितम्बर को पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया कि उसके ससुर बनवारीलाल, देवर राजेश व मुकेश, देवरानी विद्या व ज्योति आये दिन झगड़ा व गाली-गलौज करते हैं। 8 सितम्बर को ससुर बनवारीलाल, देवरानी विद्या व ज्योति एकराय होकर आए और उसकी 13 वर्षीय पुत्री करिश्मा पर हमला कर दिया। बीच-बचाव कराने पर आरोपियों उसके व उसके बेटे अंशु के साथ भी मारपीट कर दी। संतोष का आरोप है कि मारपीट के कारण उसकी बेटी की रविवार को एसएमएस अस्पताल जयपुर में मौत हो गई। उधर, कार्यवाहक कोतवाल किशनलाल यादव का कहना है कि परिवार के लोगों के बीच 8 सितम्बर को झगड़ा हुआ था। जिसकी रिपोर्ट 9 को संतोष देवी पत्नी नरेन्द्र सैनी ने एसपी कार्यालय में दी। परिवाद पर कार्रवाई करते हुए संतोष के देवर राजेश और मुकेश को शांतिभंग में गिरफ्तार किया। बुखार, निमोनिया, दोनों फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस लेने में तकलीफ होने पर बालिका करिश्मा को 12 सितम्बर को परिजनों ने राजकीय शिशु चिकित्सालय में भर्ती कराया था। 14 सितम्बर को चिकित्सकों ने उसे जयपुर रैफर कर दिया था। इलाज के दौरान एसएमएस अस्पताल में बीमारी के कारण बालिका की रविवार सुबह मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों की रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है।

पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर

मृतका के परिजनों का आरोप है कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पहले वह कोतवाली थाने गए और फिर महिला थाने पहुंचे, लेकिन दोनों ही जगह उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और उन्हें डांटकर थाने से भगा लिया। श्रम मंत्री से मिलने के बाद कोतवाली थाने में उनकी एफआईआर दर्ज की गई है।