
अलवर दशहरा : विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा, धर्म से बड़ी नहीं आचार संहिता, भाषण के नाम पर लगाए जय श्री राम के नारे
रावण दहन कार्यक्रम में विधायक ज्ञानदेव आहूजा मात्र दो मिनट ही बोले। आहूजा ने कहा कि आचार संहिता में धर्म को नहीं रख सकते। धर्म से बड़ी आचार संहिता नहीं है। उन्होंने रावण रूपी बुराइयों के अंत के लिए सभी से आगे आने का आह्वान किया। वे आचार संहिता के चलते पहले के सालों की तरह अधिक नहीं बोले। विधायक आहूजा से कहा गया कि आचार संहिता के कारण अधिक देर तक भाषण ना दिया जाए, इसलिए उन्होंने सभी का धन्यवाद देकर अपने भाषण में केवल जय श्री राम के नारे लगाए।
आतिशबाजी में लगी आग, मौके पर बुझाई
दशहरा मैदान में एक जगह आतिशबाजी रखी हुई थी जिसमें आग लग गई। इसे मौके पर तत्काल ही बुझा दिया गया जिससे राहत मिली।
आहूजा ने कमेन्ट्री
रावण दहन के समय रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने मंच संभाला और उन्होंने पहले की तरह रावण, मेघनाद व कुम्भकरण जलने की कमेन्ट्री की, जिस पर खूब तालियां बजी।
इस बार कई नए प्रयोग
दशहरा मैदान में इस बार दो स्टेज बनाए गए थे। नीचे वाले स्टेज पर गणमान्य लोगों के लिए था जबकि मुख्य स्टेज पर भगवान श्रीराम की सवारी व अतिथि थे। भगवान श्रीराम के स्वरूप में कविश कालड़ा व लक्ष्मण के स्वरूप में दक्ष कालड़ा थे। पहली बार रावण दहन के बाद भगवान श्रीराम की सवारी को बैंड बाजों से वापस लाया गया।
वनवासी की वेशभूषा में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण
इस बार भगवान श्रीराम के स्वरूप में कविश कालड़ा व लक्ष्मण के स्वरूप में दक्ष कालड़ा थे। ये दोनों स्वरूप राजाओं की तरह नहीं वनवासी की ड्रेस में थे। हनुमान जी वीरेन्द्र आहूजा बने थे। हनुमान जी भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी को कंधों पर बैठाकर लाए थे।
Updated on:
20 Oct 2018 10:34 am
Published on:
20 Oct 2018 09:12 am
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
