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आधे से ज्यादा पद खाली, कैसे होगी आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग

राज्य सरकार की ओर से महिलाओं व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर सरकार की ओर से छह से ज्यादा योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन महिला बाल विकास विभाग में सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, सहायिका के पद रिक्त होने से इन योजनाओं की मॉनिटङ्क्षरग नहीं हो पा रही है।

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सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, सहायिका के पद है रिक्त
अलवर. राज्य सरकार की ओर से महिलाओं व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर सरकार की ओर से छह से ज्यादा योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन महिला बाल विकास विभाग में सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, सहायिका के पद रिक्त होने से इन योजनाओं की मॉनिटङ्क्षरग नहीं हो पा रही है।
करीब दो साल पहले अलवर में करीब साढ़े तीन हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे थे, लेकिन जिले के बंटवारे के बाद अलवर में 1776 केंद्रों शेष रह गए। इन केंद्रों पर कार्यकर्ता के 1741 में से 35 से ज्यादा पद रिक्त हैं। सहायिका के 55 पद रिक्त है। इसी तरह सीडीपीओ के 10 में से 3 और महिला सुपरवाइजर के भी 62 में 14 पद खाली हैं।
ये चल रही हैं योजनाएं
गर्भवती महिलाएं एवं धात्री माताओं को पोषाहार का वितरण, 6 माह से 3 साल तक, 3 से 6 साल तक के बालकों को पोषाहार का वितरण व कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की पहचान करना, महिलाओं व बालिकाओं को सेनेटरी नेपकिन का वितरण सहित अन्य योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

मॉनिटङ्क्षरग के नाम पर हो रही खानापूर्ति
शहर में संचालित केंद्रों की संख्या 158 है। ये केंद्र गली-मोहल्लों और कच्ची बस्तियों में संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों पर मानदेयकर्मी महिलाओं को लगाया गया है, लेकिन केंद्रों पर की जाने वाली गतिविधियों की निगरानी को लेकर उदासीनता बरती जा रही हैं। निगरानी के लिए ब्लॉक व सेक्टर बनाए हुए हैं, लेकिन महिला सुपरवाइजर व कार्यकर्ता, सहायिका की मिलीभगत के चलते निगरानी के नाम पर खानापूर्ति ही हो रही है।

इनका कहना है
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पदों को भरने के लिए अगले महीने रिक्तियां निकाली जाएंगी। वहीं अलवर से तीन सीडीपीओ को जैसलमेर, बाड़मेर भेजा गया है। महिला सुपरवाइजरों को मॉनिटङ्क्षरग के निर्देश दिए हुए हैं।
महेश गुप्ता, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, अलवर।