
प्राचीन श्रीमल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर और प्राचीन श्रीशांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर
नौगांवा. राजस्थान का सिंहद्वार और मेवात अंचल का कस्बा नौगांवा अपनी गंगा-जमुनी संस्कृति के लिए प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए है। नौगांवा की स्थापना को लेकर अलवर गजट में उल्लेख है कि सिपहसलार नवरंग शाह ने इसे बसाया, वहीं किवदंती है कि नौ बार उजडऩे और बसने के कारण इसका नाम नवगांव पड़ा। बाद में प्रचलन में इसे नौगांवा बोला जाने लगा। कुछ लोगों का मानना है कि कस्बे में पहले नील बनाने का कार्य होता था और नील बनाने की भट्टी थी, जिसके कारण इसे भट्टिका नौगांवा भी कहा जाता है।
परकोटे के अंदर बसे इस नौगांवा के बारे में कहा जाता है कि इसकी चारों दिशाओं में चार विशालकाय दरवाजे थे, जिनके अंदर नौगांवावासी सुरक्षित महसूस करते थे। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी इन्हीं अभेध दरवाजों ने ही दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए। नौगांवा कस्बा अपने त्योहार मनाने के रीति रिवाजों एवं आपसी भाईचारे के कारण अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। कस्बे में ब्रज की लटठ मार होली की तर्ज पर खेली जाने वाली डोलची मार होली इसकी पहचान को चार चांद लगाती है। दशहरे पर रावण दहन न कर रामनवमी महोत्सव के तहत चैत्र द्वादशी पर रावण दहन की परंपरा भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
कस्बे में दो जैन मंदिर
कस्बे में स्थित दो भव्य जैन मंदिर भी कस्बे की पहचान बनाए हुए हैं एक मंदिर भगवान शांतिनाथ का है, जो कस्बे के बस स्टैंड पर स्थित है। जो आने जाने वाले लोगों की धार्मिक भावना को अपनी ओर आकर्षित करता है। दूसरा प्राचीन श्रीमल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर और प्राचीन श्रीशांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में कांच की नक्काशी उसकी प्राचीनता को दर्शाते हैं। नौगांवा नगर पालिका चेयरमैन राजीव सैनी बताते हैं कि लगभग 15 हजार की आबादी वाले इस कस्बे में सभी जाति के लोग निवास करते हैं। कस्बे के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती बाड़ी, पशुपालन सहित दुकानदारी है। यहां के लोगों का रहन सहन और शिक्षा का स्तर मध्यम स्तर का है। कस्बे में डेढ़ दर्जन से ज्यादा निजी और सरकारी शिक्षण संस्थान है।
नगर पालिका का दर्जा दिया
कस्बे के अलवर रोड स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र अपने अनुसंधान के लिए पूरे देश मेें पहचाना जाता है। यहां के वैज्ञानिकों की ओर से सरसों और गेहूं के उन्नत बीजों को ईजाद किया है, जिसके कारण प्रदेश को ही नहीं देश के किसानों को भी इसका लाभ मिला है। गत वर्षों में यहां लोगों की मांग पर कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गई है। नौगांवा कस्बे को राजस्थान सरकार की ओर से तहसील और नगर पालिका का दर्जा दिया है।
साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीत संत लालदास
कस्बे के पूर्व दिशा में स्थित मेवात के महान संत एवं साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीक संत लालदास महाराज का मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र है। दूर दराज के भक्त बाबा के दर्शनों को यहां आते हैं और मन्नत मांगते हैं। कस्बे के लोग भी सभी शुभ और मांगलिक कार्यों में बाबा का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते।
Updated on:
11 Apr 2024 03:28 pm
Published on:
10 Apr 2024 09:22 pm
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