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पांच गुना पौधे लगाने का प्रावधान, अलवर में कट रहे हजारों पेड़, लेकिन नहीं लगा एक भी पौधा

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अलवर

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Prem Pathak

Aug 12, 2018

No Plantation In Return Of Thousand Trees Cutting In Alwar

पांच गुना पौधे लगाने का प्रावधान, अलवर में कट रहे हजारों पेड़, लेकिन नहीं लगा एक भी पौधा

सरकारी प्रावधान है कि एक हरा पेड़ कटेगा तो पांच नए पौधे लगाने होंगे, लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को विकास के नाम पर हरे पेड़ों पर आरी चलाने की जल्दी तो रहती है, लेकिन उनके स्थान पर लगने वाले पांच गुना नए पौधों की याद नहीं रहती। तभी तो पूर्व में काटे गए हरे पेड़ों की एवज में नए पौधे लगे दिखाई नहीं देते। सरकारी महकमों को पर्यावरण चिंता का अंदाजा इस बात से सहज लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में घोडाफेर से ढाई पैडी व कटीघाटी से ढाई पैडी तक सडक़ को चौड़ा करने के लिए बड़ी संख्या में विशाल हरे वृक्ष काटे गए।

उस दौरान तत्कालीन जिला कलक्टर ने सम्बन्धित विभाग को काटे गए हरे पेड़ों की एवज में 5 गुना नए पौधे लगाने के निर्देश दिए। पेड़ काट सडक़ को चौड़ा तो कर दिया, लेकिन पेड़ अब तक नहीं लग पाए। इसी तरह अन्य स्थानों पर विकास कार्यों के नाम पर काटे गए पेड़ों की एवज में भी पुन: नए पौधे नहीं लगाए जा सके।

मानसून बीतने को, पौधरोपण की कागजी पूर्ति: मानसून सत्र खत्म होने में करीब एक महीने का समय बचा है। वहीं बारिश का ज्यादातर समय पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक सरकारी महकमों का पौधरोपण अभियान कागजी साबित हुआ है। ज्यादातर सरकारी विभाग पौधरोपण को लेकर चुप्पी साधे रहे, वहीं कुछ ने रस्म अदायगी तक पौधरोपण को सीमित रखा। वन विभाग का पौधरोपण भी ग्रामीण क्षत्रों तक सीमित रहा। प्रशासन की ओर से भी पौधरोपण को लेकर प्रयास सीमित ही रहे।

वन्यजीव प्रेमियों ने जताई चिंता

विकास कार्यों के नाम पर हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने का वन्यजीव व वनप्रेमियों ने विरोध किया है। वन्यजीव प्रेमी लोकेश खंडेलवाल सहित अन्य लोगों ने जिला कलक्टर को जनसुनवाई में हरे पेड़ों को अंधाधुंध कटाई पर चिंता भी जताई, लेकिन कार्रवाई समस्या बताने तक सीमित रही।

फिर से हरे पेड़ काटने की तैयारी

अब जिले में कई स्थानों पर विकास कार्यों के नाम पर फिर से हरे पेड़ काटने की तैयारी है, लेकिन इनकी एवज में नए पौधे लगाने की योजना अभी जमीन पर मूर्तरूप नहीं ले सकी है। कहीं ऐसी योजना बनी भी तो वह सरकारी कागजों में ही उलझकर रह गई। फिलहाल खैरथल में जवाहर नवोदय विद्यालय के पास वन विभाग की ओर से विकसित डीम्ड वन क्षेत्र में 4 हजार से ज्यादा हरे पेड़ काटने की तैयारी है। यहां नगर पालिका की ओर से जीएसएस निर्माण को जमीन दी गई है। सरकारी प्रावधान के अनुसार इन हरे पेड़ों के कटाई की एवज में खैरथल में 20 हजार से ज्यादा पेड़ लगाना जरूरी है, लेकिन वहां अभी एक भी नया पेड़ नहीं लग पाया है। इसी तरह सिंचाई भवन में काटे वाले करीब 52 हरे पेड़ों की एवज में 250 से ज्यादा नए पेड़ लगने चाहिए, लेकिन यहां भी कोई योजना नहीं दिखती।