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Alwar News: इंसान ही नहीं बल्कि यहां श्वान भी करते रक्तदान, 6 को दिया जीवनदान

Alwar News: पशु चिकित्सालय परिसर में फॉर लेग केयर संस्था की ओर से हादसे में घायल अथवा गंभीर रूप से बीमार श्वान का उपचार किया जाता है।

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अलवर

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Alfiya Khan

Jan 20, 2025

blood donate

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ज्योति शर्मा
अलवर। अभी तक आपने यही सुना होगा कि किसी हादसे में घायल अथवा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए उसके परिचित या अन्य व्यक्ति रक्तदान करते हैं। अलवर में श्वान (कुत्ते) भी रक्तदान करते हैं, जिससे घायल और बीमार श्वान की जान बचाई जाती है। इनमें तीन श्वान ऐसे हैं, जो छह बार रक्तदान कर अपने जैसे अन्य श्वान को जीवनदान दे चुके हैं।

शहर में भवानी तोप सर्किल स्थित पशु चिकित्सालय परिसर में फॉर लेग केयर संस्था की ओर से हादसे में घायल अथवा गंभीर रूप से बीमार श्वान का उपचार किया जाता है। यह संस्था युवाओं ने बनाई है।

श्वान...

इस टीम में दिवाकर शर्मा सहित अन्य युवा शामिल हैं। इनकी टीम सूचना मिलते ही मौके पर जाकर घायल व बीमार श्वान को संस्था में लाते हैं और उपचार कर श्वान को वापस सड़कों पर छोड़ देते हैं। कुछ श्वान संस्था में ही रह जाते हैं।

इस संस्था के पास कालू, बहरा और भूरी (मादा) श्वान हैं जो रक्तदान करते हैं। रक्तदान के बाद इनकी खुराक का पूरा ख्याल रखा जाता है। इनको दूध सहित अन्य पौष्टिक आहार दिया जाता है। दवाएं भी दी जाती हैं ताकि कमजोरी महसूस न हो। ये तीनों दुर्घटना ग्रस्त हालात में मिले थे। इनकी अच्छे से देखभाल की गई और आज ये पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

पहली बार में ब्लड मैच की जरूरत नहीं

श्वान में 13 से ज्यादा ब्लड ग्रुप होते हैं। पहली बार ब्लड देते समय ब्लड मैच करने की जरूरत नहीं होती है। श्वान की उम्र 1 से 7 साल और वजन 22 से 25 किलो होना चाहिए। इसका वैक्सीनेशन पूरा होना चाहिए व किसी तरह की बीमारी से संक्रमित न हो। बिल्ली में ब्लड चढ़ाना है तो मैचिंग करना जरूरी है।
-अनुज तोमर, पशु चिकित्सक, अलवर

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