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अष्टमी पर घर-घर में देखी भर्तृहरि बाबा की ज्योत, मेले में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

दाल-बाटी, चूरमा का लगाया भोग, मेले का समापन समारोह आज

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अकबरपुर. भर्तृहरि बाबा के धार्मिक स्थल पर रविवार को भादो मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी को घर-घर में भर्तृहरि बाबा की ज्योत देखी गई। दाल-बाटी, चूरमा का भोग लगाया गया। इधर बाबा के लक्खी मेले में श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला। मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भर्तृहरि बाबा की अखंड ज्योत के दर्शन किए और प्रसाद चढ़ाकर मन्नत मांगी। मेले शांति बनी रही।गौरतलब है क इस बार पांडुपोल हनुमान और भर्तृहरि बाबा के मेले में कुछ ही दिनों का अंतराल होने से दोनों ही जगहों पर आस्था की भीड अधिक देखने को मिली। भर्तृहरि मेला रात-दिन भरा गया। मेले में रात्रि में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखी गई। परंपरा अनुसार भादो मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हर वर्ष मेला भरा जाता है। इस दिन भर्तृहरि बाबा की घर-घर में ज्योत देखी गई। दाल-बाटी चूरमे का भोग लगाया गया।

भर्तृहरि बाबा का वर्ष में दो बार मेलाभर्तृहरि बाबा का मेला वर्ष में दो बार भरा जाता है। एक वैशाख माह में मेला भरता है। वह छोटा मेला होता है, लेकिन भादवा में भरने वाला मेला लक्खी मेला होता है। इसमें प्रशासन, ग्राम पंचायत की ओर से संपूर्ण व्यवस्थाएं की जाती है। पूरा सहयोग होता है और बड़ा मेला होता है।जगह-जगह भंडारे

मेले के दौरान रात्रि में भी श्रद्धालुओं के लिए नटनी का बारा, माधोगढ़, अकबरपुर, कुशालगढ़ तिराहा, परसा का बास, उमरैण, धवाला सहित अन्य जगहों पर भंडारा और प्याऊ की व्यवस्था की गई। रात-दिन के मेले में प्रशासन की ओर से भी माकूल व्यवस्था रही। मेल शांतिपूर्ण तरीके से भरा। श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या नहीं हुई। भर्तृहरि बाबा मेले में पैदल आने वाले श्रद्धालुओं की रात्रि को भी बड़ी संख्या रही। अलवर -जयपुर हाईवे प्याऊ पर लगे डीजे पर महिलाएं नाचती नजर आई। मेले में पदयात्रियों के साथ दंडोती देते श्रद्धालु भी पहुंचे। बाबा के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की।

मेले का समापन आजमेला शांतिपूर्ण भरा गया। मेले में रात्रि व सुबह भी भीड रही। एक सितंबर को मेले का समापन कार्यक्रम होगा। जिसमें मेले में आए सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों एवं मेले में सहयोग देने वाले सभी को सम्मानित किया जाएगा।

नवज्योति कांवरिया, एसडीएम एवं मेला मजिस्ट्रेट, मालाखेड़ा।