जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण यहां जिले भर से लोग उपचार के लिए आते हैं। वहीं, अस्पताल के मुर्दाघर में हर दिन लगभग एक शव का पोस्टमार्टम होता है। कई बार तो एक दिन में 4 से 5 पोस्टमार्टम भी होते हैं। ऐसे में मुर्दाघर के बाहर गंदगी व पानी भरा रहता है। इससे मृतक के परिजन सहित शव को स्ट्रेचर पर लेकर आने वाले कर्मचारी को गंदे पानी से होकर ही गुजरना पड़ता है। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।
सामान्य अस्प्ताल के पीएमओ डॉ. सुनील चौहान का कहना है कि मुर्दाघर के पीछे दुकानदारों की ओर से नाली में कचरा डालने से नाली बंद होने से मुर्दाघर के सामने पानी व कीचड़ जमा हो रहा है। इसके साथ ही पीछे की दीवार भी गिर गई थी। इसे दुरुस्त कराया जा रहा है। वहीं, नगर परिषद को दुकानदारों को नाली में कचरा नहीं डालने के लिए पाबंद करने के लिए कहा गया है।