विवेकानंद नगर निवासी पंडित तपेश अवस्थी बताते हैं कि कोरोना के दौरान ऑनलाइन बहुत ज्यादा संख्या में लोगों ने ऑनलाइन पूजा अर्चना करवाई थी। इससे यमजान को बहुत सुविधा हुई थी अब ज्यादातर उद्योगपति, राजनेता आदि लोग ऑनलाइन ही पूजा करवाते हैं। इसमें पूजा के दौरान लेपटॉप व मोबाइल पर हवन यज्ञ दिखाया जाता है और यजमान घर बैठे देखता है।
यजमान ऑनलाइन करते हैं पेमेंट, उनके नाम से होती है पूजा मन्नी का बड निवासी पंडित गोपाल शास्त्री ने बताया कि ऑनलाइन पूजा के लिए यजमान पेमेंट भी एडवांस ही डाल देते हैं। हमें पूजन सामग्री लाकर उनके नाम से पूजा करवानी होती है। यजमान का परिवार कहीं पर भी हो उनके नाम से पूजा होती है जो मोबाइल पर दिखाई जाती है। काला कुआं निवासी पंडित रामबाबू शर्मा बताते हैं कि पूर्व में भी हमारे पूर्वज यजमान के नाम से हवन यज्ञ करते थे, जिनका फल यजमान को मिलता है। आज अंतर इतना है कि यजमान ऑनलाइन पूजा को मोबाइल पर देखता है।
गायत्री परिवार ऑनलाइन करवा रहा है संस्कार गायत्री परिवार की ट्रस्टी सरोज गुप्ता बताती है कि गायत्री परिवार की ओर से दीक्षा संंस्कार सहित अन्य संस्कार ऑनलाइन ही करवाए जाते हैं। जिसमें घर बैठे ही यजमान को ***** भेजा जाता है। एक दिन पहले पूजन सामग्री की लिस्ट भेज दी जाती है और अगले दिन ऑनलाइन लिंक भेजा जाता है जिसमें सभी संस्कार करवाने वाले लोग जुड जाते हैं। हम गायत्री मंदिर में जिस तरह से हवन करते हैं वो भी घर बैठे ही हवन में आहूतियां देते हैं। इससे यजमान भी पूजा में शामिल हो जाते हैं। बसंत पंचमी व गायत्री जयंती पर विशेष रूप से ऑनलाइन हवन किया जाता है।