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अलवर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा में कहा कि, कांग्रेस ने कुंवर प्रताप सिंह के साथ क्या किया था? यह बात छेडकऱ प्रधानमंत्री ने अलवर के ताजा इतिहास के उन स्याह पन्नों की यादें फिर ताजा करादी। प्रताप सिंह अलवर के पूर्व महाराज तेजसिंह के पुत्र और केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह के पिता थे। इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया कि कुंवर प्रताप सिंह बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे। उस समय तत्कालीन प्रशासन से कुछ विषयों पर विवाद हो रहा था। तभी आपातकाल लगा तो जिला प्रशासन ने कुंवर प्रताप को हाउस अरेस्ट करने के आदेश दे दिए।
प्रशासन ने उनके महल फूलबाग की घेराबंदी कर दी। प्रताप सिंह ने सरकारी फरमान नहीं माना। चारों तरफ पुलिस का घेराव था। महल के बिजली पानी के कनेक्शन तक काट दिए गए। तभी एक शाम अंदर से गोली चलने की आवाज आई। जनता को ये पता चला कि अंदर कक्ष में प्रतापसिंह और उनके विश्वस्त सहयोगी के शव थे।
इस घटना से तब पूरा अलवर तब उद्वेलित हुआ था। आपातकाल के बाद गठित कानसिंह आयोग के समक्ष भी यह विषय था। उसमें अधिकारियों को दोषी पाया गया था। गोयल का कहना है कि उसमें तत्कालीन कलक्टर के बयान भी हुए थे लेकिन उस रिपोर्ट के बारे में कुछ पता नहीं है।
जितेंद्र सिंह का पलटवार: खुद जनता पार्टी ने दोषी अफसरों को बचाकर उच्च पदों पर बैठाया
अलवर की सभा में प्रधानमंत्री के पूर्व राजपरिवार के कुंवर प्रताप सिंह पर की गई टिप्पणी पर उनके पुत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पलटवार किया है। सिंह ने कहा कि सच्चाई जाने बिना मोदी ने गैर संदर्भित बात की है जो निदंनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व युवराज प्रताप सिंह के देहांत के बाद जो जांच कमीशन गठित किया गया था उसने जिले के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी ठहराया था। सिंह ने कहा कि तत्कालीन जनता पार्टी सरकार ने जांच को ठंडे बस्ते में डाल कर दोषी अधिकारियों को न केवल बचाया बल्कि उच्च पदों पर बैठाया। अलवर युवराज प्रताप सिंह का नाम आदर से लेता है। उनका नाम राजनीति में घसीटना गलत है।
जितेंद्र सिंह ने शनिवार को टवीट कर मोदी से पांच सवालों के जवाब मांगे। इनमें हाल ही में चार बेरोजगारों की आत्महत्या से लेकर स्थानीय मुद्दों पर जवाब मांगे थे। ऐसे में मोदी ने उनके पिता की मौत से जुड़ा विषय छेड़ दिया।